मौलिक अधिकारों पर सामाजिक नियंत्रण
प्रश्न० क्या लोगों को बिना सामाजिक नियंत्रण के संपूर्ण एवं असीमित अधिकार दिए जा सकते हैं ?
उ० नही, यदि किसी को असीमित अधिकार दिए जाएंगे तो यह किसी दूसरे के अधिकार का हनन होगा। किसी व्यक्ति को असीमित स्वतंत्रता समाज के लिए हानिकारक होती है। जब व्यक्तियों को स्वतंत्रता दी जाती है तो हमें यह सोचना जरूरी है कि कितनी स्वतंत्रता ठीक रहेगी।
प्रश्न० यदि व्यक्तियों की स्वतंत्रता को निश्चित करने के लिए राज्य को और असीमित शक्ति दे दी जाए तब क्या होगा ?
उ० इससे सरकारी तानाशाही को बढ़ावा मिलेगा।
प्रश्न० कल्याणकारी राज्य में व्यक्ति तथा समाज के हितों के बीच एक संतुलन होना चाहिए ?
उ० जी हां।
प्रश्न० संविधान ने किस तरह हितों के बीच संतुलन कायम किया है ?
उ० सरकार ने यह संतुलन संविधान में मौलिक अधिकारों को सम्मिलित करके तथा उनको जब घटाया जा सकता है इसकी सीमा निर्धारित की है। संविधान इस बात की अनुमति देता है कि समाज के हित में व्यक्ति की स्वतंत्रता के ऊपर औचित्य पूर्ण रोक लगाई जा सकती है।
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