जालसाजी
क्या जालसाजी अपराध है ?
भारतीय दंड संहिता की धारा 463 से 477-ए
अपराधिक नियत से जाली कागज सर्टिफिकेट या दस्तावेज तैयार करना या असली दस्तावेज को परिवर्तित करना जालसाजी का अपराध है। यह कार्य किसी अन्य को नुकसान या स्वयं लाभ लेने के उद्देश्य से किया जाता है।
उदाहरण
1. कॉलेज में प्रवेश करने के लिए एक व्यक्ति कई सर्टिफिकेट पर खुद ही प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर करता है। उसने जाली दस्तावेज बनाने का अपराध किया है।
2. एक व्यक्ति ऑफिसर में पैसा वसूलने के लिए जाली बिल बना कर जमा करता है। उसने जाली दस्तावेज या सर्टिफिकेट बनाने का अपराध किया है।
दंड का प्रावधान
जालसाजी का दंड अपराध की गंभीरता को देखते हुए आजीवन कारावास तक तथा जुर्माना हो सकता है।
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