रास्ता रोकना

क्या रास्ता रोकना अपराध है ?

भारतीय दंड संहिता की धारा 339 व 341 के तहत यदि कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को आने जाने से रोकता है तो वो रास्ता रोकने का अपराध करता है| आने-जाने का अर्थ उन लोगों से है जहां आने जाने का उसे अधिकार है। जहां जाने का अधिकार है वहां जाने से यदि कोई रोकता है तो वह आने जाने से रोकने का अपराध करता है। जैसे अपनी भूमि पर आना जाना, सार्वजनिक स्थल पर आना-जाना इत्यादि। दूसरों की भूमि पर या दूसरे के व्यक्तिगत रास्ते पर जाने का किसी को अधिकार नहीं है। 

उदाहरण

1. राजू भाई खूंखार कुत्ता लेकर सार्वजनिक स्थान पर खड़ा हो जाता है और वह सुनील से कहता है कि यदि वह उस सार्वजनिक स्थान पर आएगा तो वह उसे खूंखार कुत्ते से कटवा देगा। राजू सुनील का रास्ता रोकने का अपराध करता है।

2. मोहम्मद के घर जाने का रास्ता शोएब के घर के सामने से होकर जाता है शोएब 20 वर्षों से अधिक समय से उस रास्ते से आता जाता है। एक दिन मोहम्मद उसे उस रास्ते से आने जाने से  रोकता है। मोहम्मद शोएब को आने जाने से रोकने का अपराध करता है।

दंड का प्रावधान

इस अपराध का दंड के 1 महीने तक का कारावास तथा ₹500 तक का जुर्माना हो सकता है।

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