चोरी,डकैती या लूट से प्राप्त संपत्ति को रखना
क्या चोरी,डकैती या लूट से प्राप्त संपत्ति को रखना अपराध है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 411 व 412 के तहत यदि कोई व्यक्ति चोरी डकैती तथा लूट से प्राप्त संपत्ति को जानबूझकर बुरी नियत से रखता है तो वह अपराध करता है। चोरी करने वाला व्यक्ति चोरी करने के बाद तुरंत चोरी का सामान बेचना चाहेगा या हटाना चाहेगा जिससे कमाल उसके पास ना मिले। अतः वह सामान सस्ते दाम पर बेच देता है। जो भी उस सामान को लेता है यह जानते हुए कि यह चोरी का माल है वह यह अपराध करता है। इसीलिए सामान लेने से पहले यह अवश्य जान लेना चाहिए कि वह सामान कहीं चोरी, डकैती व लूट का तो नहीं है।
उदाहरण
अकबर चोरी की घड़ी बीरबल को कम दामों में बेच देता है। बीरबल यह जानते हुए कि वह गाड़ी चोरी की है उसे खरीद लेता है। बीरबल ने चोरी का सामान खरीदने का अपराध किया।
दंड का प्रावधान
चोरी से प्राप्त संपत्ति रखने का दंड 3 वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकता है।
यदि रखी गई संपत्ति डकैती से प्राप्त की गई है तो दंड आजीवन कारावास तथा जुर्माना हो सकता है।
यदि कोई लगातार चोरी की चीजें लेता है या रखता है यानी उसकी आदत या शौक है तो उसका भी दंड आजीवन कारावास तथा जुर्माना हो सकता है।
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