अपराध के लिए उकसाना

क्या अपराध के लिए उकसाना अपराध है ?

भारतीय दंड संहिता की धारा 107 के तहत अपराध करने के लिए दूसरे को दुर्भावना से उकसाना एक अपराध है। जिस व्यक्ति को अपराध करने के लिए उकसाया गया वह अपराध करें या ना करें दोनों परिस्थितियों में जिस व्यक्ति ने उकसाया वह उकसाने का अपराधी है। हालांकि उकसाने वाला स्वयं अपराध नहीं करता परंतु कानून अपराध करने के लिए उकसाने वाले व्यक्ति को उतना ही दोषी मानता है जितना अपराध करने वाले को।

उदाहरण

1. जुनेद ने अकरम को उकसाया कि वह विनोद की हत्या कर दे। अकरम हत्या नहीं करता है। फिर भी जुनेद ने अकरम को विनोद की हत्या करने के लिए उकसाने का अपराध किया है।

2. राजू ने अजय को उकसाया कि वह शीला की हत्या कर दे। अजय शीला की हत्या कर देता है। राजू ने अजय को शीला की हत्या करने के लिए उकसाने का अपराध किया है।

दंड का प्रावधान

दंड उस अपराध के अनुसार दिया जाएगा जिसे करने के लिए उठाया गया या जिसे किया गया।

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