बल प्रयोग करना
क्या बल प्रयोग करना अपराध है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 350, 352 से 358 तक
आपराधिक बल प्रयोग करने का अर्थ है कि कोई भी ऐसा कार्य किया जाना जिससे किसी दूसरे व्यक्ति को डर, नुकसान या कष्ट हो। इस प्रकार के अपराध हर रोज हर जगह होते रहते हैं। बहुत से लोग तो जानते भी नहीं है कि इस प्रकार के कार्य अपराध होते हैं।
उदहारण
1. एक व्यक्ति नदी के किनारे एक बंधी नाव पर बैठा है। दूसरा व्यक्ति जानबूझकर उस नाव की रस्सी खोल देता है, जैसे नाव नदी के बहाव से बहने लगती है। यहां पर नाव खोलने वाले व्यक्ति ने नाव पर बैठे हुए व्यक्ति पर आपराधिक बल प्रयोग करने का अपराध किया।
2. एक व्यक्ति घोड़े पर बैठा हुआ है दूसरा व्यक्ति शरारतन घोड़े को कसकर मारता है, जैसे घोड़ा तेजी से भागने लगता है। घोड़े पर बैठा व्यक्ति डर और साहम जाता है।
3. एक व्यक्ति शरारत में अपने कुत्ते को दूसरे व्यक्ति पर झपटने के लिए भड़काता है। वह व्यक्ति अपराधिक बल प्रयोग करने का अपराधी है।
दंड का प्रावधान
इस अपराध का दंड अपराध की गंभीरता के अनुसार 3 महीने तक का कारावास या ₹500 जुर्माना या दोनों हो सकता है।
यदि आपराधिक बल का प्रयोग किसी गंभीर अपराध को करने के लिए किया जाता है तो उसका दंड 2 वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकता है।
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