समान वेतन अधिनियम कानून
समान वेतन अधिनियम कानून
कार्यस्थल से जुड़े महिलाओं के अधिकार-
महिलाओं व पुरुषों के बीच वेतन या मजदूरी संबंधी भेदभाव को खत्म करने के लिए सन 1975-76 में समान वेतन अधिनियम बनाया गया है।
प्रश्न क्या कहता है समान वेतन अधिनियम कानून?
उत्तर - • समान काम करने वाले महिला-पुरुष को समान वेतन मिलना चाहिए।
• सम्मान योग्यता होने पर महिलाओं को समान पद पाने का अधिकार है।
• यह कानून उन जोकिंग वाले व्यवसाय ऊपर लागू नहीं होता है जहां महिलाओं को नौकरी पर रखना प्रतिबंधित है।
• फैक्ट्रीज एक्ट के अनुसार रात पाली में महिलाओं को काम पर लगाने की कानून मनाही है। शाम 7:00 बजे से सुबह 6:00 बजे के बीच महिला कर्मचारी को काम पर नहीं लगाया जा सकता| यह नियम शिशु सदन कैंटीन और अस्पताल के दवाइयों व नर्सों पर लागू नहीं होता है।
• महिलाओं को मूल वेतन के साथ भत्ते बोनस व अन्य सुविधाएं भी पुरुषों के समान ही मिलना चाहिए।
• यदि मालिक किया ठेकेदार इस कानून का पालन नहीं करता है तो उस पर 10 हजार रुपए से 20 हजार रुपए तक का जुर्माना किया जा सकता है। कम से कम 3 महीने से 1 साल तक की जेल हो सकती है और अपराध दोबारा किया तो 2 साल तक की जेल हो सकती है।
इस कानून का ठीक से पालन हो सके इसलिए इसकी निगरानी सरकार द्वारा नियुक्त निरीक्षक करते हैं। निरीक्षक किसी भी संस्थान के कर्मचारी या मजदूरों से संबंधित रजिस्टर व अन्य दस्तावेजों की जांच कर सकते हैं। पूछताछ के लिए वहां के किसी भी व्यक्ति की गवाही ले सकते हैं।
प्रश्न- समान वेतन कानून का उल्लंघन होने पर शिकायत कहां करें?
उत्तर- समान वेतन कानून का उल्लंघन होने पर श्रम आयुक्त के कार्यालय में शिकायत की जा सकती है।
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