अपराधी को छिपाना या शरण देना
क्या अपराधी को छिपाना या शरण देना अपराध है ?
भारतीय दंड संहिता की धारा 212 व 216 के तहत यदि किसी व्यक्ति ने कोई अपराध किया हो तो यह जानते हुए कि वह अपराधी है उसको अपने घर में छिपाना या शरण देना एक अपराध है। सरकारी कैद से भागे हुए अपराधी को जानबूझकर छिपाना या शरण देना भी इस अपराध के अंतर्गत आता है।
उदाहरण
आदिल ने अकरम की हत्या कर दी। इकबाल ने आदिल को अपने घर में रुकने की जगह दे दी। इकबाल यह जानता है कि आदिल ने अकरम की हत्या की है। इकबाल ने आदिल को अपने घर में छुपाने का अपराध किया है।
दंड का प्रावधान
छिपाए गए अपराधी के अपराध की गंभीरता के अनुसार दंड होता है। यदि 5 वर्ष तक का कारावास तथा जुर्माना हो सकता है।
यदि कोई ऐसे अपराधी को जानबूझकर शरण देता है या छुपाता है जो सरकारी कैद से भागा है तो यह अपराध और अधिक गंभीर हो जाता है। और भागे हुए अपराधी के अपराध की गंभीरता के अनुसार 7 वर्ष तक का कठोर कारावास तथा जुर्माना हो सकता है।
यदि छुपाया गया अपराधी लुटेरा या डकैत है तो दंड 7 वर्ष तक का कारावास तथा जुर्माना हो सकता है।
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