अपराध करने का षड्यंत्र करना
क्या अपराध करने का षड्यंत्र करना अपराध है ?
भारतीय दंड संहिता की धारा 120- ए व 120 - बी
भारतीय दंड संहिता की धारा 120- ए व 120 - बी के तहत अपराध करने की योजना बनाना भी एक अपराध है। जब दो या दो से अधिक व्यक्ति किसी अपराध को करने की योजना बनाते हैं या अपराध करने के साधन जुटा ते हैं तो उनका यह कार्य अपराध की श्रेणी में आ जाता है। वह कार्य जिसको करने की योजना बनाई जाती है वह या तो अवैध हो या यदि अवैध नहीं है तो उसे अवैध साधनों द्वारा करने या कराने पर सहमति होती है। अवैध कार्य करने की योजना बनाते समय वहां जितने लोग उपस्थित होते हैं सब इस अपराध के दोषी होते हैं हो सकता है की अपराध की योजना बनाते समय साथ में संलग्न व्यक्ति अपराध करने की नियत ना रखता हो फिर भी वह अपराधी की श्रेणी में आ जाता है। यह महत्वपूर्ण है कि अपराधिक षड्यंत्र के लिए कम से कम 2 लोगों का होना आवश्यक है।
उदाहरण
1.आदिल और जीशान अकरम के घर बैठकर चोरी करने की योजना बनाते हैं। आदिल ,जीशान तथा अकरम तीनों आपराधिक षडयंत्र करने के दोषी होते हैं।
2. तेज और मायकल एक बम बनाने के आशा से विस्फोटक पदार्थ एकत्रित करते हैं। वे दोनों अपराधी की योजना बनाने के दोषी है। चाहे वह आपराधिक कार्य किया गया हो या ना किया गया हो।
दंड का प्रावधान
यदि अपराध जिसे करने की योजना बनाई जाती है, का दंड फांसी, आजीवन कारावास या 2 वर्ष से अधिक का कठोर कारावास है, तो इस अपराध को करने की योजना बनाना भी उसी अपराध के दंड के समान होगा। उपयुक्त अपराध के अलावा यदि कोई अपराध करने का षड्यंत्र किया गया हो तो दंड 6 महीने तक का कारावास या जुर्माना या दोनों होता है।
नोट: या धारा हमेशा किसी ना किसी अपराध की धारा के साथ लगाई जाती है जिसके लिए षड्यंत्र किया गया हो।
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