अनुच्छेद 15 का क्या अर्थ है?
प्रश्न० अनुच्छेद 15 का सार क्या है?
उ०1) राज्य किसी नागरिक के प्रति वर्ण, जाति, लिंग, जन्म स्थान या इनमें से किसी के भी आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता।
2) इसके अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति को राज्य के धन से चलने वाले सार्वजनिक उपयोग की संस्थानों ,स्थानों, सड़कों , भोजनालय और होटलों आदि में जाने व उनके उपयोग करने का अधिकार प्रदान किया है।
3) राज्य बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान बना सकता है।
4) पिछड़ी जातियों को ध्यान में रखते हुए राज्य विशेष प्रावधान बना सकता है।
प्रश्न- अनुच्छेद 15 किन लोगों के लिए है ?
उ० केवल नागरिकों के लिए।
प्रश्न अनुच्छेद 15 के उल्लंघन में बनाए गए कानून को अमान्य घोषित किया जा सकता है?
उतर - हाँ।
प्रश्न - भेदभाव" का क्या मतलब है?
उ- इसका मतलब है दूसरों के प्रति दुष्प्रभाव डालने वाला अंतर रखना।
प्रश्न - क्या कानून को अमान्य घोषित किया जा सकता है यदि वह भेदभाव पर आधारित हो?
उ० जी हाँ।
प्रश्न अनुच्छेद 15 के प्रयुक्त केवल का क्या मतलब है ?
उ० इसका मतलब है कि भेदभाव केवल जाति लिंग धर्म जन्म स्थान आदि के आधार पर नहीं हो सकता है उन शब्दों में यदि अन्य सभी योग्यताएं पूर्ण है तो जाति धर्म लिंग जन्म स्थान के आधार पर ना कोई तजीॅ दी जाएगी और ना ही अयोग्य घोषित किया जाएगा।
प्रश्न - क्या जाति धर्म लिंग जन्म स्थान के अलावा किसी अन्य आधार पर भी भेदभाव मना है ?
उ० नहीं।
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