Section 4 Negotiable Instruments Act, 1881

 


Section 4 Negotiable Instruments Act, 1881 in Hindi and English 



Section 4 Negotiable Instruments Act, 1881 :A "promissory note" is an instrument in writing (not being a bank-note or a currency-note) containing an unconditional undertaking, signed by the maker, to pay a certain sum of money only to, or to the order of, a certain person, or to the bearer of the instrument.

Illustrations

A signs instruments in the following terms :

(a) "I promise to pay B or order Rs. 500."

(b) “I acknowledge myself to be indebted to B in Rs. 1,000, to be paid on demand, for value received."

(c) "Mr. B, I.O.U. Rs. 1.000."

(d) "I promise to pay B Rs. 500 and all other sums which shall be due to him."

(e) "I promise to pay B Rs. 500 first deducting there out any money which he may owe me."

(f) "I promise to pay B Rs. 500 seven days after my marriage with C."

(g) "I promise to pay B Rs. 500 on D's death, provided D leaves me enough to pay that sum."

(h) "I promise to pay B Rs. 500 and to deliver to him my black horse on 1st January next."

The instruments respectively marked (a) and (b) are promissory notes. The instruments respectively marked (c), (d), (e), (f), (g) and (h) are not promissory notes.



Supreme Court of India Important Judgments And Case Law Related to Section 4 of Negotiable Instruments Act, 1881 :

Jik Industries Ltd. & Ors vs Amarlal V.Jumani & Anr on 1 February, 2012

P. Mohanraj vs M/S. Shah Brothers Ispat Pvt. Ltd. on 1 March, 2021

Lee Kun Hee & Ors vs State Of U.P.& Ors on 1 February, 2012

Prakash Gupta vs Securities And Exchange Board Of on 23 July, 2021

D.Purushotama Reddy & Anr vs K.Sateesh on 1 August, 2008

Hiten P. Dalal vs Bratindranath Banerjee on 11 July, 2001

Punjab & Sindh Bank vs Vinkar Sahakari Bank Ltd And Ors on 17 September, 2001

R. Rajeshwari vs H.N. Jagadish on 5 March, 2008



परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 4 का विवरण :  -  “वचन-पत्र'' (बैंक-नोट या करेन्सी नोट न होने वाली) ऐसी लेखबद्ध लिखत है जिसमें एक निश्चित व्यक्ति को या उसके आदेशानुसार या उस लिखत के वाहक को धन की एक निश्चित राशि संदत्त करने का उसके रचयिता द्वारा हस्ताक्षरित अशर्त वचन अन्तर्विष्ट हो ।

दृष्टान्त

क निम्नलिखित शब्दों वाली लिखतों पर हस्ताक्षर करता है :

(क) “मैं ख को या उसके आदेशानुसार 500 रुपये संदत्त करने का वचन देता हूँ ।'

(ख) “मैं स्वीकार करता हूँ कि प्राप्त मूल्य के लिए मैं ख का एक हजार रुपये का ऋणी हैं जो माँग

पर संदत्त किए जाने हैं।'

(ग) “श्री ख मैं, आपका 1,000 रुपये का देनदार हूँ।''

(घ) “मैं ख को 500 रुपये, और वे अन्य सब राशियाँ, जो उसे शोध्य होगी, संदत्त करने का वचन देता हूँ ।' (ङ) “मैं ख को 500 रुपये, उसमें से पहले वह धन काटकर, जिसका वह मुझे देनदार हो, संदत्त करने का वचन देता हूँ ।”

(च) “ग के साथ अपने विवाह के 7 दिन पश्चात् मैं ख को 500 रुपये संदत करने का वचन देता हूँ”

(छ) “मैं घ की मृत्यु पर ख को 500 रुपये देने का वचन देता है; परन्तु यह तब जब कि घ वह राशि संदत्त करने के लिए पर्याप्त धन मेरे लिए छोड़ जाए ।'

(ज) “मैं वचन देता हूँ कि मैं निकटतम अगामी पहली जनवरी को ख को 500 रुपये संदत्त करूंगा और अपना काला घोड़ा उसे परिदत्त करूंगा ।

क्रमशः (क) और (ख) से अंकित लिखत वचन-पत्र हैं । क्रमशः (ग), (घ), (ङ), (च), (छ) और (ज) से अंकित लिखत वचन-पत्र नहीं है ।


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