Section 182 The Army Act, 1950
Section 182 The Army Act, 1950 in Hindi and English
Section 182 The Army Act, 1950 :Suspension of sentence of transportation or imprisonment.
(1) Where a person subject to this Act is sentenced by a court- martial to transportation or imprisonment, the Central Government, 1 the Chief of the Army Staff] or any officer empowered to convene a general or a summary general court- martial may suspend the sentence whether or not the offender has already been committed to prison or to military custody.
(2) The authority or officer specified in sub,- section (1) may in the case of an offender so sentenced direct that, until the orders of such authority or officer have been obtained the offender shall not be committed to prison or to military custody.
(3) The powers conferred by sub- sections (1) and (2) may be exercised in the case of any such sentence which has been confirmed, reduced or commuted.
Supreme Court of India Important Judgments And Case Law Related to Section 182 of The Army Act, 1950 :
सेना अधिनियम, 1950 की धारा 182 का विवरण : - निर्वासन या कारावास के दण्डादेश का निलम्बन - (1) जहां कि इस अधिनियम के अध्यधीन का कोई व्यक्ति, किसी सेना-न्यायालय द्वारा निर्वासन या कारावास से दण्डादिष्ट किया जाता है, वहां केन्द्रीय सरकार थल सेनाध्यक्ष अथवा जनरल या सम्मरी जनरल सेना-न्यायालय संयोजित करने के लिए सशक्त कोई आफिसर दण्डादेश को निलम्बित कर सकेगा, चाहे अपराधी को कारागार के या सैनिक अभिरक्षा के सुपुर्द पहले ही कर दिया गया हो या न कर दिया गया हो।
(2) उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट प्राधिकारी या आफिसर, ऐसे दण्डादिष्ट अपराधी की दशा में, निदेश दे सकेगा कि जब तक ऐसे प्राधिकारी या आफिसर के आदेश अभिप्राप्त न कर लिए जाएं, तब तक अपराधी को कारागार के या सैनिक अभिरक्षा के सुपुर्द नहीं किया जाएगा।
(3) उपधाराओं (1) और (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग किसी ऐसे दण्डादेश की दशा में किया जा सकेगा, जिसकी पुष्टि की जा चुकी है या जो घटा दिया गया है या लघुकृत कर दिया गया है।
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