Section 148 The Army Act, 1950
Section 148 The Army Act, 1950 in Hindi and English
Section 148 The Army Act, 1950 :Release of lunatic accused. Where any person is in custody under sub- section (4) of section 145 or under detention under sub- section (5) of that section-
(a) if such person is in custody under the said sub- section (4), on the report of a medical officer, or
(b) if such person is detained under the said sub- section (5), on a certificate from any of the authorities mentioned in clause (b) of section 146 that, in the judgment of such officer or authority such person may be released without danger of his doing injury to himself or to any other person, the Central Government may order that such person be released or detained in custody, or transferred to a public lunatic asylum if he has not already been sent to such an asylum.
Supreme Court of India Important Judgments And Case Law Related to Section 148 of The Army Act, 1950 :
सेना अधिनियम, 1950 की धारा 148 का विवरण : - पागल अभियुक्त की निर्मुक्ति - जहां कि कोई व्यक्ति धारा 145 की उपधारा (4) के अधीन अभिरक्षा में या उस धारा की उपधारा (5) के अधीन निरोध में है वहां -
(क) यदि ऐसा व्यक्ति उक्त उपधारा (4) के अधीन अभिरक्षा में है तो किसी चिकित्सीय आफिसर की ऐसी रिपोर्ट पर, अथवा
(ख) यदि ऐसा व्यक्ति उक्त उपधारा (5) के अधीन निरुद्ध है तो धारा 146 के खण्ड (ख) में वर्णित प्राधिकारियों में से किसी के ऐसे प्रमाण-पत्र पर, कि उस आफिसर या प्राधिकारी के विचार में उस व्यक्ति की निर्मुक्ति उसके स्वयं अपने आप को या किसी अन्य व्यक्ति को क्षति करने के संकट के बिना की जा सकती है, तो केन्द्रीय सरकार यह आदेश दे सकेगी कि ऐसे व्यक्ति को निर्मुक्त कर दिया जाए या अभिरक्षा में निरुद्ध रखा जाए या यदि उसे पहले ही किसी ऐसे लोक पागलखाने में नहीं भेज दिया गया है तो उसे लोक पागलखाने में भेज दिया जाए।
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