Section 25 Right to Information Act 2005


Section 25 Right to Information Act 2005 in Hindi and English 



Section 25 RTI Act 2005 :Monitoring and reporting.— (1) The Central Information Commission or State Information Commission, as the case may be, shall, as soon as practicable after the end of each year, prepare a report on the implementation of the provisions of this Act during that year and forward a copy thereof to the appropriate Government.

(2) Each Ministry or Department shall, in relation to the public authorities within their jurisdiction, collect and provide such information to the Central Information Commission or State Information Commission, as the case may be, as is required to prepare the report under this section and comply with the requirements concerning the furnishing of that information and keeping of records for the purposes of this section.

(3) Each report shall state in respect of the year to which the report relates,—

(a) The number of requests made to each public authority;

(b) The number of decisions where applicants were not entitled to access to the documents pursuant to the requests, the provisions of this Act under which these decisions were made and the number of times such provisions were invoked;

(c) The number of appeals referred to the Central Information Commission or State Information Commission, as the case may be, for review, the nature of the appeals and the outcome of the appeals;

(d) Particulars of any disciplinary action taken against any officer in respect of the administration of this Act;

(e) The amount of charges collected by each public authority under this Act;

(f) any facts which indicate an effort by the public authorities to administer and implement the spirit and intention of this Act;

(g) recommendations for reform, including recommendations in respect of the particular public authorities, for the development, improvement, modernisation, reform or amendment to this Act or other legislation or common law or any other matter relevant for operationalising the right to access information.

(4) The Central Government or the State Government, as the case may be, may, as soon as practicable after the end of each year, cause a copy of the report of the Central Information Commission or the State Information Commission, as the case may be, referred to in sub-section (1) to be laid before each House of Parliament or, as the case may be, before each House of the State Legislature, where there are two Houses, and where there is one House of the State Legislature before that House.

(5) If it appears to the Central Information Commission or State Information Commission, as the case may be, that the practice of a public authority in relation to the exercise of its functions under this Act does not conform with the provisions or spirit of this Act, it may give to the authority a recommendation specifying the steps which ought in its opinion to be taken for promoting such conformity.



Supreme Court of India Important Judgments And Case Law Related to Section 25 of Right to Information Act 2005:

The Nadia District Primary School vs Sudipta Ghosh & Ors on 26 July, 2013

Calcutta High Court 

An Application Under Article 227 vs Unknown on 19 September, 2018

Calcutta High Court 

Lingeshwar Baburao Bhete And vs The State Of Maharashtra And on 5 May, 2017

Bombay High Court 

Sachin Atmaram Jadhav And Another vs The State Of Maharashtra And on 5 May, 2017

Bombay High Court 

Shukracharya Vasant Chole And vs The State Of Maharashtra And on 5 May, 2017

Bombay High Court 

Ganesh Dnyanoba Mane And Another vs The State Of Maharashtra And on 5 May, 2017

Bombay High Court 

Sharad Madhukarrao Khonde And vs The State Of Maharashtra And on 5 May, 2017

Bombay High Court 

Mahesh Balaji Kanwate And Others vs The State Of Maharashtra And on 5 May, 2017

Bombay High Court 

Santosh Mahadeorao Suryawanshi vs The State Of Maharashtra And on 5 May, 2017

Bombay High Court

Bapurao Umakant Rayphale vs The State Of Maharashtra And on 5 May, 2017

Bombay High Court


(आरटीआई अधिनियम) सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 25 का विवरण :  -   मॉनीटर करना और रिपोर्ट करना - (1) यथास्थिति, केन्द्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग, प्रत्येक वर्ष के अंत के पश्चात यथासाध्यशीघ्रता से उसे वर्ष के दौरान इस अधिनियम के उपबंधों के कार्यान्वयन के सम्बंध में एक रिपोर्ट तैयार करेगा और उसकी एक प्रति समुचित सरकार को भेजेगा।

(2) प्रत्येक मंत्रालय या विभाग, अपनी अधिकारिता के भीतर लोक प्राधिकारियों के सम्बंध में, ऐसी सूचना एकत्रित करेगा और उसे, यथास्थिति, केन्द्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग को उपलब्ध कराएगा, जो इस धारा के अधीन रिपोर्ट तैयार करने के लिये अपेक्षित है और इस धारा के प्रयोजनों के लिये, उस सूचना को देने तथा अभिलेख रखने से सम्बंधित अपेक्षाओं का पालन करेगा

(3) प्रत्येक रिपोर्ट में, उस वर्ष के सम्बंध में, जिससे रिपोर्ट सम्बंधित है, निम्निलिखित के बारे में कथन होगा,-

(क) प्रत्येक लोक प्राधिकारी से किए गए अनुरोधों की संख्या;

(ख) ऐसे विनिश्चयों की संख्या, जहाँ आवेदक अनुरोधों के अनुसरण में दस्तावेजों तक पहुँच के लिये हकदार नहीं थे, इस अधिनियम के वे उपबंध, जिनके अधीन ये विनिश्चय किए गए थे और ऐसे समयों की संख्या, जब ऐसे उपबंधों का अवलंब लिया गया था;

(ग) पुनर्विलोकन के लिये, यथास्थिति, केन्द्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग को निर्दिष्ट की गई अपीलों की संख्या, अपीलों की प्रकृति और अपीलों के निष्कर्ष;

(घ) इस अधिनियम के प्रशासन के सम्बंध में किसी अधिकारी के विरुद्ध की गई अनुशासनिक कार्रवाई की विशिष्टियां;

(ड.) इस अधिनियम के अधीन प्रत्येक लोक प्राधिकारी द्वारा एकत्रित की गई प्रभारों की रकम;

(च) कोई ऐसे तथ्य, जो इस अधिनियम की भावना और आशय को प्रशासित और कार्यान्वित करने के लिये लोक प्राधिकारियों के किसी प्रयास को उपदर्शित करते हैं;

(छ) सुधार के लिये सिफारिशें, जिनके अंतर्गत इस अधिनियम या अन्य विधान या सामान्य विधि के विकास, समुन्नति, आधुनिकीकरण, सुधार या संशोधन के लिये विशिष्ट लोक प्राधिकारियों के सम्बंध में सिफारिशें या सूचना तक पहुँच के अधिकार को प्रवर्तनशील बनाने से सुसंगत कोई अन्य विषय भी हैं।

(4) यथास्थिति, केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार प्रत्येक वर्ष के अंत के पश्चात, यथासाध्यशीघ्रता से, उपधारा (1) में निर्दिष्ट, यथास्थिति, केन्द्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग की रिपोर्ट की एक प्रति संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष या जहाँ राज्य विधान-मंडल के दो सदन हैं, वहाँ प्रत्येक सदन के समक्ष और जहाँ राज्य विधान-मंडल का एक सदन है वहाँ उस सदन के समक्ष रखवाएगी।

(5) यदि केन्द्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग को ऐसा प्रतीत होता है कि इस अधिनियम के अधीन अपने कृत्यों का प्रयोग करने के सम्बंध में किसी लोक प्राधिकारी की पद्धति इस अधिनियम के उपबंधों या भावना के अनुरूप नहीं है तो  वह प्राधिकारी को ऐसे उपाय विनिर्दिष्ट करते हुए, जो उसकी राय में ऐसी अनुरूपता को बढ़ाने के लिये किए जाने चाहिए, सिफारिश कर सकेगा।


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