Section 204 Contract Act 1872
Section 204 Contract Act 1872 in Hindi and English
Section 204 Contract Act 1872 : Revocation where authority has been partly exercised - The principal cannot revoke the authority given to his agent after the authority has been partly exercised, so far as regards such acts and obligations as arise from acts already done in the agency.
Illustrations
(a) A authorizes B to buy 1,000 bales of cotton on account of A and to pay for it out of A's moneys remaining in B's hands. B buys 1,000 bales of cotton in his own name, so as to make himself personally liable for the price. A cannot revoke B's authority so far as regards payment for the cotton.
(b) A authorizes B to buy 1,000 bales of cotton on account of A, and to pay for it out of A'money remaining in Bs hands. B buys 1,000 bales of cotton in A's name, and so as not to render himself personally liable for the price. A can revoke B's authority to pay for the cotton.
Supreme Court of India Important Judgments And Case Law Related to Section 204 of Contract Act 1872 :
Narandas Karsondas vs S.A. Kamtam & Anr on 7 December, 1976
भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 की धारा 204 का विवरण : - प्रतिसंहरण जहाँ कि प्राधिकार का भागतः प्रयोग कर लिया गया है -- मालिक अपने अभिकर्ता को दिये गए प्राधिकार का प्रतिसंहरण उस प्राधिकार के भागत: प्रयोग के पश्चात् नहीं कर सकता जहाँ तक कि उस अभिकरण में पहले ही किए गए कार्यों से उद्भूत कार्यों और बाध्यताओं का सम्बन्ध हो।
दृष्टान्त
(क) ‘ख’ को ‘क’ प्राधिकृत करता है कि वह 'क' के लेखे रूई की 1,000 गांठे खरीद ले और 'क' का जो धन ‘ख’ के पास बचा हुआ है उसमें से उनके लिए संदाय कर दे। ‘ख’ रूई की 1,000 गांठे अपने नाम में इस प्रकार खरीद लेता है कि उनकी कीमत के लिए वह स्वयं वैयक्तिक तौर पर दायी हो जाता है। जहाँ तक कि उस रूई के लिए संदाय करने का सम्बन्ध है ‘ख’ के प्राधिकार का प्रतिसंहरण ‘क’ नहीं कर सकता।
(ख) 'ख' को 'क' प्राधिकृत करता है कि वह 'क' के लेखे रूई की 1,000 गांठे खरीद ले और 'क' का जो धन ‘ख’ के पास बचा हुआ है उसमें से उनके लिए संदाय कर दे। ‘ख’ रूई की 1,000 गांठे 'क' के नाम में इस प्रकार खरीद लेता है कि उनकी कीमत के लिए वह स्वयं वैयक्तिक तौर पर दायी नहीं होता। ‘क’ उस रूई के संदाय के लिए ‘ख’ के प्राधिकार का प्रतिसंहरण कर सकता है।
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