Section 13 Negotiable Instruments Act, 1881
Section 13 Negotiable Instruments Act, 1881 in Hindi and English
Section 13 Negotiable Instruments Act, 1881 :
(1) A “negotiable instrument" means a promissory note, bill of exchange or cheque payable either to order or to bearer.
Explanation (i) — A promissory note, bill of exchange or cheque is payable to order which is expressed to be so payable or which is expressed to be payable to a particular person, and does not contain words prohibiting the transfer or indicating an intention that it shall not be transferable.
Explanation (ii) --- A promissory note, bill of exchange or cheque is payable to bearer which is expressed to be so payable or on which the only or last endorsement is an endorsement in blank.
Explanation (iii) - Where a promissory note, bill of exchange or cheque, either originally or by endorsement, is expressed to be payable to the order of a specified person, and not to him or his order, it is nevertheless payable to him or his order at his option.
(2) A negotiable instrument may be made payable to two or more payees jointly, or it may be made payable in the alternative to one of two, or one or some of several payees.
Supreme Court of India Important Judgments And Case Law Related to Section 13 of Negotiable Instruments Act, 1881 :
Aneeta Hada vs M/S Godfather Travels & Tours on 8 May, 2008
Puneet Dalmia vs Central Bureau Of Investigation on 16 December, 2019
परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 13 का विवरण : - (1) “परक्राम्य लिखत' से या तो आदेशानुसार या वाहक को देय वचन-पत्र, विनिमय-पत्र या चैक अभिप्रेत है ।
स्पष्टीकरण (i) -- यह वचन-पत्र, विनिमय-पत्र या चैक आदेशानुसार देय है जिसका ऐसे देय होना अभिव्यक्त हो या जिसका किसी विशिष्ट व्यक्ति को देय होना अभिव्यक्त हो और जिसमें अन्तरण को प्रतिषिद्ध करने वाले शब्द या आशय उपदर्शित करने वाले शब्द कि वह अन्तरणीय नहीं है, अन्तर्विष्ट न हों ।
स्पष्टीकरण (ii) -- वह वचन-पत्र, विनिमय-पत्र या चैक वाहक को देय है जिसमें यह अभिव्यक्त हो कि वह ऐसे देय है या जिस पर एकमात्र या अन्तिम पृष्ठांकन निरंक पृष्ठांकन है ।
स्पष्टीकरण (iii) -- जहाँ कि वचन-पत्र, विनिमय-पत्र या चैक का या तो मूलतः या पृष्ठांकन द्वारा विनिर्दिष्ट व्यक्ति के आदेशानुसार, न कि उसे या उसके आदेशानुसार देय होना अभिव्यक्त है वहाँ ऐसा होने पर भी वह उसके विकल्प पर उसे या उसके आदेशानुसार संदेय है ।
(2) परक्राम्य लिखत दो या अधिक पानेवालों को संयुक्ततः देय रचित की जा सकेंगी या वह अनुकल्पतः दो पानेवालों में से एक को या कई पानेवालों में से एक को या कुछ को देय रचित की जा सकेगी ।
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