लोक हित में किये गए मुकदमों का क्या प्रभाव पड़ता है?

 प्रश्न० 1     लोक हित में किये गए मुकदमों का क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर 1) इसके कारण जनता में जागृत उपलब्ध हो गई है कि न्यायालय को हस्तछेप करने का वैधानिक अधिकार प्राप्त है जिससे दमनात्मक कार्यवाहियों, सरकारी विधिविहीनता(निरकुशता) तथा प्रशासनिक उपेक्छा तथा उदासीनता को सुधारने में प्रयोग में लाया जा सकता है।

2) आज विचाराधीन बंदी, दोषसिद्धि कैदी, बंधुआ मजदूर, असंगठित  श्रमिक, अनुसूचित जाति तथा जनजातियों के लोग शोषित महिलाएं बस्तियों के निवासी पुलिस द्वारा दी गई यातनाओ से पीड़ित व्यक्ति और समाज के दुर्बल वर्गों  के लोग जो अभी तक बे आवाज और अदृशय थे वे अपने मानव अधिकारों को प्राप्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय में फर्याद  कर सकते हैं ।

3) इसने आज आम जनता में मानव जीवन में गरिमा स्वतंत्रता की महत्वता और सामान्य न्यायालय के अधिकारों के प्रति सचेत कर दिया है ।

4) लोक हित मुकदमो ने हमारी  न्यायालय प्रणाली में एक क्रांति का आरंभ कर दिया है और करोड़ों लोगों के मन में आशा का एक दीप जला दिया है जो अभी तक भारतीय कानूनी प्रणाली और कमजोर ढांचे के कारण अंधेरे में डूबा हुआ था।

5) लोक हित में किए गए मुकदमों ने न्यायालयों द्वारा दिए गए निर्णयो  ने मूल अधिकारों पर अतिक्रमण के कारण मुआवजा अदा करने के लिए राज्य सरकारों के उत्तरदायित्व को प्रतिपादित कर दिया है।

6) लोक हित मुकदमों ने जनता की भलाई के संबंध में सरकार की असफलता का भंडाफोड़ दिया है और उनके अन्याय और अत्याचारों को सामने लाकर राष्ट्रीय चेतना को आघात पहुंचाया है।

7) लोक हित में मुकदमे सरकार पर नियंत्रण रखने के लिए एक वैधानिक मुक्त  है ताकि राज्य अभिकरण विधि के अति उल्लंघन के लिए स्वच्छन्द न  रह सके अथवा वे विधि के प्रवर्तन  के संबंध में असावधान अथवा वे विधि के सम्बन्ध में असावधान अथवा कर्तव्हीन  न रह सके ।

8) न्याय पद्धति में इस नए ढंग के  मुकदमे बाजी को आरंभ कर उच्चतम न्यायालय ने गरीब जनता के शोषण को रोकने तथा उनको सामाजिक न्याय दिलवाने के कार्य को बढ़ावा देने की दिशा में अहिंसात्मक तरीकों का प्रदर्शन किया है ।

9) लोक हित ने किए मुकदमों का प्रत्येक मामला एक परीक्षण मामला या मार्गदर्शक मामला होता है और इसमें दिया गया निर्णय जनता के हर वर्ग पर लागू होता है और साथ ही उसमें संबंध सिद्धांत भविष्य के ऐसे मामले के लिए पूर्वादहरण( नमूने) बन जाते हैं ।

10) लोक हित में किए गए मुकदमों ने  न्यायाधीशों तथा वकीलों को करोड़ों शोषित लोगों के प्रति सामाजिक न्याय दिलवाने से संबंधित उनके उत्तर दायित्व के प्रति सचेत कर दिया है तथा मानव दुखों के प्रति गंभीरता पूर्वक चिंतित रहने के लिए  विवश कर दिया है । लोक हित मुकदमों के कारण स्वरूप उच्चतम न्यायालय गरीबों की का रक्षक तथा समर्थक बन कर उभरा है ।

11) आज न्याय के लिए संघर्ष हेतु सामाजिक कार्य कर्ताओं का परिश्रम भी साथ जुड़ गया है। प्रक्रियाओं को आसान बना कर आज यह संभव हो सका है कि सामाजिक कार्य कर रहे समूह व व्यक्ति आसानी से न्याय के द्वार खटखटा सकते हैं । यहां बिना वकीलों की मदद से भी पहुंचा जा सकता है।

12) तथ्यों तथा सत्य को सामने लाने के लिए आयोगों की नियुक्ति कर आज कोर्ट ने साक्ष्य जुटाने के लिए एक नया साधन उपलब्ध करवाया है । आयोग की रिपोर्ट  साक्ष्य बन न्याय तक पहुंचाने का आभार बन जाती है । अब पहले की अपेक्षा न्यायालय अपने अंतरिम आदेशों तथा निर्देशों के आधार पर प्रशासन में सुधार लाकर उसे संवैधानिक सदाचार तथा कानून के प्रति उसके उत्तरदायित्व को निभाए जाने की मांग कर सकते हैं ।

Comments

Popular posts from this blog

भारतीय संविधान से संबंधित 100 महत्वपूर्ण प्रश्न उतर

100 Questions on Indian Constitution for UPSC 2020 Pre Exam

संविधान की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख | Characteristics of the Constitution of India