लोक हित मुकदमों को बढ़ावा देने की दिशा में स्वयसेवी संगठनों की भूमिका


भारत में लोक हित में मुकदमे एक नई चमत्कारपूर्ण घटना है जिसकी शुरुआत कुछ न्यायाधीशों तथा वकीलों के मन में नवरचना के कारण हुई । इसकी सरकारी अभी करोड़ों के स्थगन  की मांग करने वाले वकीलों तथा विशिष्ट ऊंचे लोगों के समूह द्वारा पूरे दिल से स्वीकृति तथा बढ़ावा दिए जाने की संभावना नहीं हो सकती है । यह प्रणाली जनता के लिए आधारिक स्तर पर काम करने वाली स्वयंसेवी संगठनों के लिए वरदान साबित हुई है। यह नया कानूनी स्तर उनके द्वारा कानूनी रूप से न्याय पाने के लिए जन समूहों   के साथ मिलकर किए जाने वाले अहिंसात्मक संघर्षों में बहुत सहायक सिद्ध हुआ है। बहुत से सामाजिक संगठनों तथा समाजसेवी कर्ताओं को अपनी सामाजिक गतिविधियों तथा गरीबों के शोषण के विरुद्ध अपने संघर्षों में बल पाने के लिए इसका सहारा लेना चाहिए ।

           

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