वादी को लोक हिट मुकदमों पर होने वाले खर्च प्रदान करने की शक्ति
प्रश्न० क्या न्यायालय वादी को खर्च प्रदान करने के लिए सक्षम है ?
उ० जी हाँ । न्यायालय के पास यह शक्ति है कि वह वादी को लोकहित मुकदमे पर आने वाले खर्च को प्रदान करें यदि वादी ने न्यायालय के समक्ष एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया हो( 1983(4) SCC 598) उदाहरण -
1- एक लोकहित मुकदमे में वादी ने न्यायालय से आवेदन किया कि वह सरकार को रेलवे सेवा में सुधार लाने के लिए आदेश दें । हलाकि न्यायलय ने कहा कि क्यों की सरकार के पास सीमित साधन है इसीलिए ऐसे निर्देश नहीं दिए जा सकते परंतु फिर भी यह आशा की जाती है कि सरकार जन सुविधाएं उचित रूप से सुधारने का प्रयास करेगी। क्योंकि याचक ने उन लोगों के मुद्दे को उठाने का प्रयास किया था जो भारतीय रेलवे सेवा का प्रयोग कर रहे थे और उसने अपने तर्क को साबित करने के लिए उचित सामग्री जमा करने का कष्ट उठाया था इसी कारण यह निर्देश दिया गया कि रेल मंत्रालय उसके मुकदमे का खर्च वहन करें।
2- शीला वारसी बनाम भारत राज्य संघ ( 1986 (3 SCC596) न्यायालय ने केंद्रीय सरकार को यह आदेश दिया कि वह याचक को 10,000/- रुपैया अदा करें क्योंकि याचक ने यह खर्चा कर देश के विभिन्न क्षेत्रों में घूमकर यह पुष्टि की थी कि राज्य के विभिन्न अधिकारियों द्वारा जो 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे जो जेलों में बंदी हैं उनकी विस्तृत जानकारी दी गई थी । वह सही है या नहीं इसके लिए अपना योगदान दिया था ।
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