Section 50 The Trade Marks Act, 1999

 


Section 50 The Trade Marks Act, 1999: 

Power of Registrar for variation or cancellation of registration as registered user.—

(1) Without prejudice to the provisions of section 57, the registration of a person as registered user—

(a) may be varied by the Registrar as regards the goods or services in respect of which it has effect on the application in writing in the prescribed manner of the registered proprietor of the trade mark;

(b) may be cancelled by the Registrar on the application in writing in the prescribed manner of the registered proprietor or of the registered user or of any other registered user of the trade mark;

(c) may be cancelled by the Registrar on the application in writing in the prescribed manner of any person on any of the following grounds, namely:—

(i) that the registered user has used the trade mark otherwise than in accordance with the agreement under clause (a) of sub-section (1) of section 49 or in such way as to cause or to be likely to cause, deception or confusion;

(ii) that the proprietor or the registered user misrepresented, or failed to disclose, some fact material to the application for registration which if accurately represented or disclosed would not have justified the registration of the registered user;

(iii) that the circumstances have changed since the date of registration in such a way that at the date of such application for cancellation they would not have justified registration of the registered user;

(iv) that the registration ought not to have been effected having regard to rights vested in the applicant by virtue of a contract in the performance of which he is interested;

(d) may be cancelled by the Registrar on his own motion or on the application in writing in the prescribed manner by any person, on the ground that any stipulation in the agreement between the registered proprietor and the registered user regarding the quality of the goods or services in relation to which the trade mark is to be used is either not being enforced or is not being complied with;

(e) may be cancelled by the Registrar in respect of any goods or services in relation to which the trade mark is no longer registered.

(2) The Registrar shall issue notice in the prescribed manner in respect of every application under this section to the registered proprietor and each registered user (not being the applicant) of the trade mark.

(3) The procedure for cancelling a registration shall be such as may be prescribed: Provided that before cancelling of registration, the registered proprietor shall be given a reasonable opportunity of being heard.



Supreme Court of India Important Judgments And Leading Case Law Related to Section 50 The Trade Marks Act, 1999: 

Suresh V. Talaraja vs Gopal Pundalik Koparge on 13 April, 1988

Karnataka High Court 

Batti Kunwar And Ors. vs Chunni Lal Shukla And Ors. on 6 January, 1964

Allahabad High Court 

B.Mohamed Yousuff vs M/S.Prabha Singh Jaswant Singh on 27 October, 2006

Madras High Court

Cycle Coporation Of India Ltd. vs T.I. Releigh Industries Pvt. Ltd. on 3 June, 1994

Calcutta High Court 

Whether vs Torrent on 11 January, 2010

Gujarat High Court

Mr.A.D.Padmasingh Isaac vs /

Madras High Court 

In Re : S.T. Shanmugham And Anr. vs Unknown on 13 July, 1964

Madras High 



व्यापार चिह्न अधिनियम, 1999 की धारा 50 का विवरण : 

रजिस्ट्रीकृत उपयोक्ता के रूप में रजिस्ट्रीकरण में फेरफार करना या उसे रद्द करने की रजिस्ट्रार की शक्ति-(1) धारा 57 के उपबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, रजिस्ट्रीकृत उपयोक्ता के रूप में किसी व्यक्ति का रजिस्ट्रीकरण-

(क) रजिस्ट्रार द्वारा, उन माल या सेवाओं के संबंध में, जिनकी बाबत वह प्रवृत्त है, व्यापार चिह्न के रजिस्ट्रीकृत स्वत्वधारी के विहित रूप में लिखित आवेदन करने पर, फेरफार किया जा सकेगा;

(ख) रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्रीकृत स्वत्वधारी या रजिस्ट्रीकृत उपयोक्ता या व्यापार चिह्न के किसी अन्य रजिस्ट्रीकृत उपयोक्ता के विहित रीति में लिखित आवेदन करने पर, रद्द किया जा सकेगा,

(ग) रजिस्ट्रार द्वारा, किसी भी व्यक्ति के विहित रीति में लिखित आवेदन करने पर, निम्नलिखित में से किसी आधार पर रद्द किया जा सकेगा; अर्थात्: -

(i) रजिस्ट्रीकृत उपयोक्ता ने, व्यापार चिह्न का धारा 49 की उपधारा (1) के खण्ड (क) के अधीन करार से अन्यथा उपयोग किया है या इस प्रकार से उपयोग किया है कि धोखा या भ्रम होता है या होने की संभाव्यता है;

(ii) स्वत्वधारी या रजिस्ट्रीकृत उपयोक्ता ने, रजिस्ट्रीकरण के लिए आवेदन के लिए किसी ऐसे तात्त्विक तथ्य का दुर्व्यपदेशन किया है या उसे प्रकट करने में असफल रहा है, जिसे यदि सही रूप में व्यपदेशित किया जाता या प्रकट किया जाता तो उससे रजिस्ट्रीकृत उपयोक्ता का रजिस्ट्रीकरण न्यायसंगत नहीं होता;

(iii) रजिस्ट्रीकरण की तारीख से परिस्थितियां इस प्रकार बदल गई हैं कि रद्द करने के लिए ऐसे आवेदन की तारीख को वे रजिस्ट्रीकृत उपयोक्ता के रजिस्ट्रीकरण को न्यायसंगत नहीं बनाती हैं;

(iv) उस संविदा के आधार पर, जिसके अनुपालन में आवेदक हितबद्ध है, उसमें निहित अधिकारों को ध्यान में रखते हुए, रजिस्ट्रीकरण नहीं किया जाना चाहिए था;

(घ) रजिस्ट्रार द्वारा, स्वप्रेरणा से या किसी व्यक्ति द्वारा विहित रीति में लिखित आवेदन पर, इस आधार पर रद्द किया जा सकेगा कि रजिस्ट्रीकृत स्वत्वधारी और रजिस्ट्रीकृत उपयोक्ता के बीच करार में किसी अनुबंध को, जो उस माल या सेवाओं की क्वालिटी के बारे में है, जिसके संबंध में व्यापार चिह्न उपयोग किया जाना है, लागू नहीं किया जा रहा है या उसका अनुपालन नहीं हो रहा है ;

(ङ) रजिस्ट्रार द्वारा उस माल या सेवाओं की बाबत, जिसके संबंध में व्यापार चिह्न अब रजिस्ट्रीकृत नहीं है, रद्द किया जा सकेगा ।

(2) रजिस्ट्रार इस धारा के अधीन प्रत्येक आवेदन की बाबत सूचना उस व्यापार चिह्न के रजिस्ट्रीकृत स्वत्वधारी और (आवेदक से भिन्न) प्रत्येक रजिस्ट्रीकृत उपयोक्ता को विहित रीति में जारी करेगा ।

(3) रजिस्ट्रीकरण के रद्दकरण की प्रक्रिया ऐसी होगी जो विहित की जाए: परन्तु रजिस्ट्रीकरण के रद्दकरण के पूर्व रजिस्ट्रीकृत स्वत्वधारी को सुने जाने का युक्तियुक्त अवसर दिया जाएगा ।

 


To download this dhara / Section of  The Trade Marks Act, 1999 in pdf format use chrome web browser and use keys [Ctrl + P] and save as pdf.

Comments

Popular posts from this blog

भारतीय संविधान से संबंधित 100 महत्वपूर्ण प्रश्न उतर

100 Questions on Indian Constitution for UPSC 2020 Pre Exam

Atal Pension Yojana-(APY Chart) | अटल पेंशन योजना