THE CRIMINAL PROCEDURE (IDENTIFICATION) Act, 2022 in Hindi
THE CRIMINAL PROCEDURE (IDENTIFICATION) Act, 2022 in Hindi | आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) अधिनियम, 2022 हिंदी में -
Landmark Cases of India / सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले
आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) अधिनियम, २०२२ एक छोटा सा कानून है जो की बहुत महत्वपूर्ण है। भारत के इस नए कानून में केवल दस धारा है। इसके द्वारा आने वाले समय में जो सिद्धदोष अपराधी या अन्य व्यक्तियों का एक डेटाबेस नेशनल क्राइम रिकॉर्ड बयूरो के पास होगा। इसके द्वारा अपराधियों के फिंगर प्रिंट्स, पाम प्रिंट्स, रेटिना / आईरिस इमेज, बायोलॉजिकल या फिजिकल सैम्पल्स, लिखाई, हस्ताक्षर आदि के सैंपल लिए जा सकेंगे और उन्हें डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में पचहत्तर साल तक सेव करके रखा जायेगा। इस कानून से बेहतर जाँच तथा बेहतर दोषसिद्धि होने की सम्भावना बनेगी। बदलते समय के अनुसार नयी तकनीक का उपयोग क्रिमिनल केस की जाँच को बेहतर बनाएगा।
आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) अधिनियम, २०२२ के तहत मजिस्ट्रेट आइडेंटिफिकेशन के सैंपल इक्कठे करने का आदेश दे सकेगा तथा सम्बंधित पुलिस अधिकारी ऐसा कर सकेगा। जो कोई व्यक्ति सैंपल देने में रुकावट पैदा करेगा उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता के अनुसार सरकारी काम में बाधा डालने की कार्यवाही भी की जाएगी। इस कानून के तहत रूल भी बनाये जाने का प्रावधान है ।
सरकार की तरफ से इस कानून की जरुरत के बारे में तथा इसके उद्देशय के बारे में बताया है लेकिन विपक्ष से इसके खिलाफ कुछ आवाजें उठी तथा ये कहा गया की ये कानून एक तरह से भारत के संविधान के तहत निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है। इस कानून को विपक्ष ने सेल्वी बनाम कर्णाटक राज्य के केस तथा निजता के अधिकार से सम्बंधित के अस पुत्तास्वामी बनाम भारत संघ के विरुद्ध बताया । आने वाले समय में ये संभावना तो है ही की इस कानून की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी तथा अन्ततो गत्वा माननीय सर्वोच्च न्यायायलय के द्वारा जो निर्णय दिया जायेगा उसी पर सब कुछ निर्भर करेगा।
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