Section 8 The Factories Act, 1948
Section 8 The Factories Act, 1948 :
Inspectors.—
(1) The State Government may, by notification in the Official Gazette, appoint such persons as possess the prescribed qualification to be Inspectors for the purposes of this Act and may assign to them such local limits as it may think fit.
(2) The State Government may, by notification in the Official Gazette, appoint any person to be a Chief Inspector who shall, in addition to the powers conferred on a Chief Inspector under this Act, exercise the powers of an Inspector throughout the State. 1[(2A) The State Government may, by notification in the Official Gazette, appoint as many Additional Chief Inspectors, Joint Chief Inspectors and Deputy Chief Inspectors and as many other officers as it thinks fit to assist the Chief Inspector and to exercise such of the powers of the Chief Inspector as may be specified in such notification.
(2B) Every Additional Chief Inspector, Joint Chief Inspector, Deputy Chief Inspector and every other officer appointed under sub-section (2A) shall, in addition to the powers of a Chief Inspector specified in the notification by which he is appointed, exercise the power of an Inspector throughout the State].
(3) No person shall be appointed under sub-section (1), sub-section (2) 1[, sub-section (2A)] or sub-section (5) or, having been so appointed, shall continue to hold office, who is or becomes directly or indirectly interested in a factory or in any process or business carried on therein or in any patent or machinery connected therewith.
(4) Every District Magistrate shall be an Inspector for his district.
(5) The State Government may also, by notification as aforesaid, appoint such public officers as it thinks fit to be additional Inspectors for all or any of the purposes of this Act, within such local limits as it may assign to them respectively.
(6) In any area where there are more Inspectors than one the State Government may, by notification as aforesaid, declare the powers which such Inspectors shall respectively exercise and the Inspector to whom the prescribed notices are to be sent.
(7) 2[Every Chief Inspector, Additional Chief Inspector, Joint Chief Inspector, Deputy Chief Inspector and every other officer appointed under this section] shall be deemed to be a public servant within the meaning of the Indian Penal Code (45 of 1860), and shall be officially subordinate to such authority as the State Government may specify in this behalf.
Supreme Court of India Important Judgments And Leading Case Law Related to Section 8 The Factories Act, 1948:
Swapan Kumar Choudhary & Ors vs Tapas Chakravorty & Ors on 12 May, 1995
State Of Maharashtra vs Jamnabhai Purshottam Assar on 25 April, 1967
V. Sasidharan vs Peter & Karunakar & Ors on 23 August, 1984
N.K. Jain And Others vs C.K.Shah And Others on 26 March, 1991
A.P. Paper Mills Ltd. Etc. Etc vs Government Of A.P. And Anr on 28 September, 2000
Union Of India & Anr vs Belgachi Tea Company Ltd. & Ors on 9 May, 2008
A.P. Paper Mills Ltd. Etc. Etc vs Government Of A.P. And Anr on 28 September, 2000
कारखाना अधिनियम, 1948 की धारा 8 का विवरण -
निरीक्षक-(1) राज्य सरकार, शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, ऐसे व्यक्तियों को, जिनके पास विहित अर्हताएं हों, इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए निरीक्षक नियुक्त कर सकेगी और उन्हें ऐसी स्थानीय सीमाएं सौंप सकेगी जैसी वह ठीक समझे ।
(2) राज्य सरकार शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा किसी व्यक्ति को मुख्य निरीक्षण नियुक्त कर सकेगी, जो इस अधिनियम के अधीन मुख्य निरीक्षक को प्रदत्त शक्तियों के अतिरिक्त राज्य भर में निरीक्षक की शक्तियों का भी प्रयोग करेगा ।
[(2क) राज्य सरकार, शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, उतने अपर मुख्य निरीक्षक, संयुक्त मुख्य निरीक्षक, उप मुख्य निरीक्षक और उतने अन्य अधिकारी नियुक्त कर सकेगी जितने वह मुख्य निरीक्षक की सहायता करने और मुख्य निरीक्षक की ऐसी शक्तियों का प्रयोग करने के लिए ठीक समझे, जो अधिसूचना में विनिर्दिष्ट की जाएं ।
(2ख) उपधारा (2क) के अधीन नियुक्त प्रत्येक अपर मुख्य निरीक्षक, संयुक्त मुख्य निरीक्षक, उप मुख्य निरीक्षक और प्रत्येक अन्य अधिकारी, ऐसी अधिसूचना में, जिससे उसकी नियुक्ति की जाती है, विनिर्दिष्ट मुख्य निरीक्षक की शक्तियों के साथ-साथ निरीक्षक की शक्तियों का भी प्रयोग राज्य भर में करेगा ।]
(3) कोई व्यक्ति जो किसी कारखाने में या उसमें चलाई जाने वाली किसी प्रक्रिया या कारबार में या उससे संबंधित किसी पेटेंट या मशीनरी में प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः हितबद्ध है या हो जाता है वह उपधारा (1), उपधारा (2) 1[, उपधारा (2क)] या उपधारा (5) के अधीन नियुक्त नहीं किया जाएगा अथवा वैसे नियुक्त हो चुकने पर पद पर बना नहीं रहेगा ।
(4) प्रत्येक जिला मजिस्ट्रेट अपने जिले का निरीक्षक होगा ।
(5) राज्य सरकार, यथापूर्वोक्त अधिसूचना द्वारा, ऐसे लोक अधिकारियों को जैसे वह ठीक समझे, इस अधिनियम के सब प्रयोजनों या उनमें से किसी के लिए ऐसी स्थानीय सीमाओं के अन्दर, जैसी वह उन्हें क्रमशः सौंपे, अपर निरीक्षक भी नियुक्त कर सकेगी ।
(6) ऐसे किसी क्षेत्र में जहां एक से अधिक निरीक्षक हैं राज्य सरकार, यथापूर्वोक्त अधिसूचना द्वारा, वे शक्तियां जिन्हें ऐसे निरीक्षक क्रमशः प्रयुक्त करेंगे और वह निरीक्षक जिसको विहित सूचनाएं भेजी जानी हैं, घोषित कर सकेगी ।
(7) [इस धारा के अधीन नियुक्त प्रत्येक मुख्य निरीक्षक, अपर मुख्य निरीक्षक, संयुक्त मुख्य निरीक्षक, उप मुख्य निरीक्षक, निरीक्षक और प्रत्येक अन्य अधिकारी] भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) के अर्थ में लोक सेवक समझा जाएगा, और पदीय रूप से ऐसे प्राधिकारी के अधीनस्थ होगा जिसे राज्य सरकार इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे ।
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