Section 7B The Factories Act, 1948

 

Section 7B The Factories Act, 1948 : 


General duties of manufacturers, etc., as regards articles and substances for use in factories.—

(1) Every person who designs, manufactures, imports or supplies any article for use in any factory, shall—

(a) ensure, so far as is reasonably practicable, that the article is so designed and constructed as to be safe and without risks to the health of the workers when properly used;

(b) carry out or arrange for the carrying out of such tests and examination as may be considered necessary for the effective implementation of the provisions of clause (a);

(c) take such steps as may be necessary to ensure that adequate information will be available—

(i) in connection with the use of the article in any factory;

(ii) about the use for which it is designed and tested; and

(iii) about any conditions necessary to ensure that the article, when put to such use, will be safe, and without risks to the health of the workers: Provided that where an article is designed or manufactured outside India, it shall be obligatory on the part of the importer to see—

(a) that the article conforms to the same standards if such article is manufactured in India, or

(b) if the standards adopted in the country outside for the manufacture of such article is above the standards adopted in India, that the article conforms to such standards.

(2) Every person, who undertakes to design or manufacture any article for use in any factory may carry out or arrange for the carrying out of necessary research with a view to the discovery and, so far as is reasonably practicable, the elimination or minimisation of any risks to the health or safety of the workers to which the design or article may give rise.

(3) Nothing contained in sub-sections (1) and (2) shall be construed to require a person to repeat the testing, examination or research which has been carried out otherwise than by him or at his instance in so far as it is reasonable for him to rely on the results thereof for the purposes of the said sub-sections.

(4) Any duty imposed on any person by sub-sections (1) and (2) shall extend only to things done in the course of business carried on by him and to matters within his control.

(5) Where a person designs, manufactures, imports or supplies an article on the basis of a written undertaking by the user of such article to take the steps specified in such undertaking to ensure, so far as is reasonably practicable, that the article will be safe and without risks to the health of the workers when properly used, the undertaking shall have the effect of relieving the person designing, manufacturing, importing or supplying the article from the duty imposed by clause (a) of sub-section (1) to such extent as is reasonable having regard to the terms of the undertaking.

(6) For the purposes of this section, an article is not to be regarded as properly used if it is used without regard to any information or advice relating to its use which has been made available by the person who has designed, manufactured, imported or supplied the article. Explanation.—For the purposes of this section, “article” shall include plant and machinery].


Supreme Court of India Important Judgments And Leading Case Law Related to Section 7B The Factories Act, 1948: 

Lal Mohammad And Ors vs Indian Railway Construction Co. on 4 December, 1998

Lanco Anpara Power Ltd vs State Of Uttar Pradesh And Ors on 18 October, 2016

M/S. Bhikuse Yamasa Kshatriya (P) vs Union Of India, And Another on 8 February, 1963

Mangalore Ganesh Beedi Works Etc. vs Union Of India Etc on 31 January, 1974

Gujarat Mazdoor Sabha vs The State Of Gujarat on 1 October, 2020

Uttaranchal Forest Development vs Jabar Singh And Ors on 12 December, 2006

Barat Fritz Werner Ltd vs State Of Karnataka on 2 February, 2001

Balwant Rai Saluja & Anr Etc.Etc vs Air India Ltd.& Ors on 13 November, 2013

Indian Petrochemicals vs Shramik Sena And Ors on 4 August, 1999

Shri B. P. Hira, Works vs Shri C. M. Pradhan Etc on 8 May, 1959



कारखाना अधिनियम, 1948 की धारा 7ख का विवरण - 

कारखानों में प्रयोग के लिए वस्तुओं और पदार्थों की बाबत विनिर्माताओं, अदि के साधारण कर्तव्य-(1) प्रत्येक व्यक्ति, जो किसी कारखाने में प्रयोग के लिए किसी वस्तु का डिजाइन, विनिर्माण, आयात या प्रदाय करता है,-

(क) जहां तक युक्तियुक्त रूप से साध्य हैं, यह सुनिश्चित करेगा कि उस वस्तु को इस प्रकार से डिजाइन और सन्निर्मित किया जाता है कि जब उसका उचित रूप से प्रयोग किया जाए, तब, वह सुरक्षित और कर्मकारों के स्वास्थ्य के लिए जोखिम रहित हो; 

(ख) ऐसे परीक्षण और ऐसी परीक्षा करेगा या करने की व्यवस्था करेगा जो खंड (क) के उपबंधों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक समझी जाएं; 

(ग) ऐसे उपाय करेगा जो यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हों कि,-

(i) किसी कारखाने में वस्तु के प्रयोग के संबंध में; 

(ii) उस प्रयोग के बारे में जिसके लिए वस्तु को डिजाइन किया गया है और उसका परीक्षण किया गया है; और 

(iii) उन दशाओं के बारे में जो यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हों कि जब उस वस्तु का प्रयोग किया जाए तब वह सुरक्षित और कर्मकारों के स्वास्थ्य के लिए जोखिम रहित होगी, 

पर्याप्त जानकारी उपलब्ध होगी :

परन्तु जहां वह वस्तु भारत के बाहर डिजाइन या विनिर्मित की गई है वहां आयातकर्ता के लिए यह देखना बाध्यकर होगा कि, -

(क) यदि ऐसी वस्तु भारत में विनिर्मित की जाती है तो वस्तु उन्हीं मानकों के अनुरूप है, या 

(ख) यदि ऐसी वस्तु के विनिर्माण के लिए बाहर के देश में अंगीकृत मानक भारत में अंगीकृत मानकों से ऊपर हैं तो वस्तु ऐसे मानकों के अनुरूप है । 

(2) प्रत्येक व्यक्ति, जो किसी कारखाने में प्रयोग के लिए किसी वस्तु को डिजाइन या विनिर्मित करने का जिम्मा लेता है, यह पता लगाने की दृष्टि से और, जहां तक युक्तियुक्त रूप से बाध्य हो, कर्मकारों के स्वास्थ्य या सुरक्षा के लिए किन्हीं जोखिमों को, जो ऐसी डिजाइन या वस्तु से उत्पन्न हो सकती है, दूर हटाने या कम करने के लिए आवश्यक अनुसंधान कर सकेगा या कराने की व्यवस्था कर सकेगा ।

(3) उपधारा (1) और उपधारा (2) की किसी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जाएगा कि वह किसी व्यक्ति से ऐसा परीक्षण, परीक्षा या अनुसंधान पुनः करने की अपेक्षा करती है जो उनके द्वारा या उसकी प्रेरणा से नहीं अपितु अन्यथा किया गया है किन्तु ऐसा तब जब उक्त उपधाराओं के प्रयोजनों के लिए उसके लिए उनके परिणामों पर निर्भर करना उचित है ।

(4) उपधारा (1) और उपधारा (2) द्वारा किसी व्यक्ति पर अधिरोपित किसी कर्तव्य का विस्तार केवल उसके द्वारा किए जा रहे कारबार के अनुक्रम में और उसके नियंत्रण के अधीन विषयों के बारे में की गई बातों तक होगा । 

(5) जहां कोई व्यक्ति किसी वस्तु का, जहां तक युक्तियुक्त रूप से बाध्य है, यह सुनिश्चित करके कि वह वस्तु उचित रूप से प्रयोग की जाने पर सुरक्षित और कर्मकारों के स्वास्थ्य के लिए जोखिम रहित होगी, डिजाइन, विनिर्माण, आयात या प्रदाय, ऐसी वस्तु के उपभोक्ता द्वारा लिखित रूप में इस वचनबंध के आधार पर कि वह ऐसे वचनबंध में विनिर्दिष्ट उपाय करेगा, करता है, वहां ऐसे वचनबंध का यह प्रभाव होगा कि वह उस वस्तु का डिजाइन, विनिर्माण, आयात या प्रदाय करने वाले व्यक्ति को उपधारा (1) के खंड (क) द्वारा अधिरोपित कर्तव्य से उस विस्तार तक जो वचनबंध के निबंधनों को ध्यान में रखते हुए उचित है, अवमुक्त करता है । 

(6) इस धारा के प्रोयजनों के लिए, किसी वस्तु को उचित रूप से प्रयोग किया गया नहीं समझा जाएगा यदि उसके प्रयोग से संबंधित किसी जानकारी या सलाह को, जो ऐसे व्यक्ति द्वारा, जिसने उसे डिजाइन विनिर्मित, आयात या प्रदाय किया है, उपलब्ध कराई गई है, ध्यान में रखे बिना उसका प्रयोग किया जाता है ।

स्पष्टीकरण-इस धारा के प्रयोजनों के लिए, वस्तु" के अन्तर्गत संयंत्र और मशीनरी है ।]



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