Subhash Kumar vs State of Bihar in Hindi - Clean Drinking Water is Fundamental Right

 स्वच्छ हवा और स्वच्छ पानी हर भारतीय नागरिक का  मौलिक अधिकार है

Subhash Kumar vs State of Bihar in Hindi - Clean Drinking Water is Fundamental Right



स्वच्छ हवा और स्वच्छ पानी हर भारतीय नागरिक का  मौलिक अधिकार है. इसे आर्टिकल 21 में शामिल किया गया. मगर यह मामला जब सुप्रीम कोर्ट में डाला गया तो सिटीजन डालने वाले पर कोर्ट ने जुर्माना लगा दीया. बिहार और झारखंड के बंटवारे से पहले बिहार में स्थित बोकारो शहर में इसको यानी टाटा स्टील कंपनी का मलबा पास में स्थित एक नदी के अंदर गिरा दिया जाता है. जिसके खिलाफ सुभाष कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी पेटीशन दायर की. उनका कहना था कि यह कंपनियां अपनी प्लांट के अंदर से निकलने वाला गंदा पानी और कचरा नदियों में डालकर उसे प्रदूषित कर रहे हैं. उनका कोर्ट को कहना था कि कोर्ट बिहार सरकार को इस मामले में निर्देश जारी करें और साथ ही इन कंपनियों के द्वारा निकलने वाला मलवा उन्हें प्रदान किया जाए. इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को यह महसूस हुआ कि सिटीजन दायर करने वाले व्यक्ति अपने निजी लाभ के लिए इस मामले की सुनवाई करवाना चाहता है. मगर कोर्ट ने इस केस में यह भी माना कि स्वच्छ पानी और स्वच्छ हवा हर भारतीय नागरिक का मौलिक अधिकार है मगर जो पिटीशन दायर की गई है उसमें पब्लिक इंटरेस्ट नहीं है बल्कि पर्सनल इंटरेस्ट अधिक है इसलिए कोर्ट ने पिटिशन दायर करने वाले पर जुर्माना लगाया. कोर्ट का कहना था कि पीआईएल के माध्यम से या तो आप अपने मौलिक अधिकारों के हनन की बात करेंगे या फिर पब्लिक इंटरेस्ट की बात कर सकते हैं. पब्लिक इंटरेस्ट के माध्यम से आप अपने पर्सनल इंटरेस्ट के विषय पर सुनवाई नहीं करवा सकते. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए शुद्ध हवा पानी को लोगों का मौलिक अधिकार बताया और सुभाष पर 5 हजार रुपए की पेनल्टी लगाई.


Landmark Cases of India / सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले

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