Section 19 The Factories Act, 1948
Section 19 The Factories Act, 1948 :
Latrines and urinals.—
(1) In every factory—
(a) sufficient latrine and urinal accommodation of prescribed types shall be provided conveniently situated and accessible to workers at all times while they are at factory;
(b) separate enclosed accommodation shall be provided for male and female workers;
(c) such accommodation shall be adequately lighted and ventilated, and no latrine or urinal shall, unless specially exempted in writing by the Chief Inspector, communicate with any work room except through an intervening open space or ventilated passage;
(d) all such accommodation shall be maintained in a clean and sanitary condition at all times;
(e) sweepers shall be employed whose primary duty it would be to keep clean latrines, urinals and washing places.
(2) In every factory wherein more than two hundred and fifty workers are ordinarily employed—
(a) all latrine and urinal accommodation shall be of prescribed sanitary types;
(b) the floors and internal walls, up to a height of 1[ninety centimetres], of the latrines and urinals and the sanitary blocks shall be laid in glazed tiles or otherwise finished to provide a smooth polished impervious surface;
(c) without prejudice to the provisions of clauses (d) and (e) of sub-section (1), the floors, portions of the walls and blocks so laid or finished and the sanitary pans of latrines and urinals shall be thoroughly washed and cleaned at least once in every seven days with suitable detergents or disinfectants or with both.
(3) The State Government may prescribe the number of latrines and urinals to be provided in any factory in proportion to the numbers of male and female workers ordinarily employed therein, and provide for such further matters in respect of sanitation in factories, including the obligation of workers in this regard, as it considers necessary in the interest of the health of the workers employed therein.
P.M. Dixit vs Senior Inspector Of Factories on 15 August, 1939
Bombay High Court
M/S.Janatha Tyre Retreaders vs The Director on 12 January, 2022
Madras High Court
Dhanalakshmi Weaving Works, vs The Regional Provident Fund on 20 August, 1962
Kerala High Court
K. Abdul Azeez Sahib And Sons, Four vs The Union Of India (Uoi) on 8 September, 1972
Madras High Court
The Textile Labour Association, vs The Ahmedabad Mill Owners' on 3 September, 1973
Gujarat High Court
P.G. Brookes, Receiver Appointed vs The Industrial Tribunal, Madras on 12 May, 1953
Madras High Court
Commissioner Of Sales Tax, vs Anil Co-Operative Credit Society on 11 November, 1968
Gujarat High Court
Kanoria Jute And Industries Ltd.vs Employees' State Insurance on 16 June, 1999
Calcutta High Court
Rameshchandra vs G.N. Tandon And Ors. on 31 March, 1972
Madhya Pradesh High Court
Uttam Singh Dugal And Co. Pvt. vs Hindustan Steel Ltd., Bhilai on 30 September, 1981
Madhya Pradesh High Court
कारखाना अधिनियम, 1948 की धारा 19 का विवरण -
शौचालय और मूत्रालय-(1) हर कारखाने में-
(क) विहित प्रकार के पर्याप्त शौचालय और मूत्रालय स्थान की व्यवस्था की जाएगी जो सुविधाजनक रूप से स्थित होंगे और जिन तक कर्मकारों की, सब समयों पर जब वे कारखाने में काम पर हों, पहुंच होगी;
(ख) पुरुष और स्त्री कर्मकारों के लिए पृथक्-पृथक् बन्द स्थानों की व्यवस्था की जाएगी;
(ग) ऐसे स्थानों में पर्याप्त रोशनी और संवातन होगा तथा किसी भी शौचालय या मूत्रालय के लिए, जब तक कि मुख्य निरीक्षक द्वारा लिखकर विशिष्टतः छूट न दी गई हो, किसी काम करने के कमरे से पहुंच, बीच में खुली जगह से या संवातनयुक्त रास्ते से होने से अन्यथा नहीं होगी;
(घ) ऐसे सब स्थान हर समय साफ और स्वच्छ स्थिति में रखे जाएंगे;
(ङ) मेहतर नियोजित किए जाएंगे जिनका प्राथमिक कर्तव्य शौचालयों, मूत्रालयों और धुलाई स्थानों को साफ रखना होगा ।
(2) हर कारखाने में जिसमें दो सौ पचास से अधिक कर्मकार मामूली तौर पर नियोजित किए जाते हैं-
(क) सब शौचालय और मूत्रालय इस प्रकार के होंगे जो विहित स्वच्छतायुक्त हैं;
(ख) शौचालयों और मूत्रालयों तथा स्वच्छता खण्डों के फर्श और [नब्बे सेंटीमीटर] की ऊंचाई तक भीतरी दीवारें कांचित टाइलों की बनी होंगी अथवा इस प्रकार परिसाधित होंगी कि चिकनी पालिश की हुई अप्रवेश्य सतह हो;
(ग) उपधारा (1) के खण्ड (घ) और (ङ) के उपबन्धों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना शौचालयों और मूत्रालयों के ऐसे बनाए गए या परिसाधित फर्शों, दीवारों के भागों तथा मलपात्रों को हर सात दिन में कम से कम एक बार यथोचित अपमार्जकों या रोगाणुनाशियों से अथवा दोनों से पूर्णतया धोया और साफ किया जाएगा ।
(3) राज्य सरकार किसी कारखाने में मामूली तौर से नियोजित पुरुष और स्त्री कर्मकारों की संख्या के अनुपात में वहां के लिए शौचालयों और मूत्रालयों की संख्या विहित कर सकेगी, और कारखानों में सफाई की बाबत ऐसी अतिरिक्त बातों के लिए, जिनके अन्तर्गत इस सम्बन्ध में कर्मकारों की बाध्यताएं भी हैं, जैसी वह वहां नियोजित कर्मकारों के स्वास्थ्य के हित में आवश्यक समझती है, उपबन्ध कर सकेगी ।
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