Prem Shankar Shukla vs Delhi Administration | प्रेम शंकर शुक्ला बनाम दिल्ली प्रशासन

 Prem Shankar Shukla vs Delhi Administration | प्रेम शंकर शुक्ला बनाम दिल्ली प्रशासन


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आपने कई बार टीवी सीरियल या फिल्मों में देखा होगा कि पुलिस अफसर गिरफ्तारी के समय आरोपी को हथकड़ी पहना कर गिरफ्तार करती है. पर क्या सच में भी पुलिस किसी भी आरोपी को गिरफ्तार करने से पहले उसे हथकड़ी पहनाकर ही गिरफ्तार करती है? क्या बिना हथकड़ी पहना है किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता? इसी विषय पर प्रेम शंकर शुक्ला वर्सेस दिल्ली एडमिनिस्ट्रेशन का केस सामने आया था. इस केस में प्रेम शंकर शुक्ला ने कोर्ट के सामने यह चैलेंज किया था की पुलिस आरोपी को हथकड़ी नहीं लगा सकती ऐसा करने पर आरोपी के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है. इस केस में सुप्रीम कोर्ट का यह मानना था कि पुलिस के द्वारा आरोपी को गिरफ्तारी के समय हथकड़ी लगाना एक तरफ से सजा की तरह लगता है जिसकी भरपाई भी नहीं है. इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि सामान्य मामले में पुलिस द्वारा आरोपी को हथकड़ी लगाकर गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए. कुछ अपवाद मामलों में हथकड़ी का इस्तेमाल पुलिस के द्वारा किया जा सकता है मगर उसकी वजह पुलिस को बतानी पड़ेगी. सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि पुलिस द्वारा आरोपी को हथकड़ी लगाना आर्टिकल 21 का उल्लंघन है और आर्टिकल 19 का भी उल्लंघन है. इस फैसले के बाद सामान्य मामलों में पुलिस आरोपी को हथकड़ी लगाकर गिरफ्तार नहीं कर सकती. कुछ खास मामलों में ही आरोपी को हथकड़ी के साथ गिरफ्तार किया जा सकता है मगर उसके लिए पुलिस को वजह बतानी होगी.


Landmark Cases of India / सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले

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