Swapnil Tripathi vs Supreme Court Of India Case in Hindi | स्वप्निल त्रिपाठी बनाम सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया
Swapnil Tripathi vs Supreme Court Of India Case in Hindi | स्वप्निल त्रिपाठी बनाम सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया
आपने फिल्मों में और टीवी सीरियल में तो बहुत बार कोर्ट रूम का सीन देखा होगा. मगर बहुत से लोग आज भी सच में भारत के कोर्ट रूम कैसे होते हैं और उनकी सुनवाई कैसी होती है यह नहीं जानते. क्योंकि कोर्ट रूम की सुनवाई कोर्ट परिसर के अंदर होती है जहां हर कोई नहीं जा सकता. मगर अगर कोर्ट रूम की सुनवाई ऑनलाइन डिजिटल ही उपलब्ध हो तो हर कोई उसे आसानी से देख और सुन सकता है. इसी सिलसिले में 2017 मैं स्वप्निल त्रिपाठी वर्सेस सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया का एक मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया. जिसमें स्वप्निल त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग किए जाने की रिट पिटिशन दायर की. स्वप्निल त्रिपाठी नेशनल लॉ स्कूल ऑफ जोधपुर के छात्र थे और वह दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट के अंडर इंटर्नशिप कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट में इंटर्नशिप करने वाले छात्र केवल मंगलवार बुधवार और बृहस्पतिवार कोही सुप्रीम कोर्ट में जा सकते हैं और सुनवाई देख सकते हैं. सोमवार और शुक्रवार जिसे मिसलेनियस ने कहा जाता है इन 2 दिनों में इंटर्नशिप की एंट्री बैन होती है. और महत्वपूर्ण बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट में ज्यादातर नए कैसे और जो महत्वपूर्ण कैसे सोते हैं वह इसी दिन सुने जाते हैं. इसीलिए शॉपिंग त्रिपाठी का कहना था कि इस नियम से लॉक के जो छात्र हैं उनके अधिकार का उल्लंघन हो रहा है. इसलिए उनका कहना था कि अगर आप कोर्ट परिसर में आने की अनुमति नहीं देते हैं तो कम से कम कोर्ट रूम से लाइव स्ट्रीमिंग ही की जाए. इस केस की जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने जजमेंट का भी हवाला दिया. 1966 में 9 जजों की बेंच ने माना कि ओपन कोर्ट होता है और होना भी चाहिए. लेकिन इस जजमेंट में कोर्ट ने कहा की कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग भविष्य में की जाएगी और उसके संबंध में नियम भी बनाए जाएंगे आर्टिकल 145 के तहत. 2018 में यह जजमेंट आई और उसके 1 साल के बाद ही देश में कोरोना की महामारी शुरू हो गई. जिसकी वजह से कोर्ट रूम की प्रोसिडिंग को ऑनलाइन करना पड़ा. वर्चुअल कोर्ट की सुनवाई शुरू तो हो गई मगर उसे पब्लिक नहीं किया जा सकता. कोर्ट का मानना है कि जब भी कभी कोर्ट रूम की लाइव स्ट्रीमिंग होगी तो वह बिल्कुल लाइक नहीं होगी उसमें थोड़ा डिले होगा और जहां भी कोर्ट को लगता है कि यह हिस्सा नहीं दिखाना चाहिए उसकी एडिटिंग भी की जाएगी. कोविड-19 के आने से सकारात्मक बदलाव यह हुआ है कि देश भर में जज और वकील दोनों ही विजुअल कोर्ट रूम के आदि हो रहे हैं. हालांकि वर्चुअल कोर्ट रूम की लाइव स्ट्रीमिंग तो अभी नहीं शुरू की गई है मगर आने वाले समय में यह जल्द ही देखने को मिलेगा.
Landmark Cases of India / सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले
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