Section 22 The Industrial Disputes Act, 1947
Section 22 The Industrial Disputes Act, 1947:
Prohibition of strikes and lock- outs.-
(1) No person employed in a public utility service shall go on strike in breach of contract--
(a) without giving to the employer notice of strike, as herein- after provided, within six weeks before striking; or
(b) within fourteen days of giving such notice; or
(c) before the expiry of the date of strike specified in any such notice as aforesaid; or
(d) during the pendency of any conciliation proceedings before a conciliation officer and seven days after the conclusion of such proceedings.
(2) No employer carrying on any public utility service shall lock- out any of his workmen--
(a) without giving them notice of lock- out as hereinafter provided, within six weeks before locking out; or
(b) within fourteen days of giving such notice; or
(c) before the expiry of the date of lock- out specified in any such notice as aforesaid; or
(d) during the pendency of any conciliation proceedings before a conciliation officer and seven days after the conclusion of such proceedings.
(3) The notice of lock- out or strike under this section shall not be necessary where there is already in existence a strike or, as the case may be, lock- out in the public utility service, but the employer shall send intimation of such lock- out or strike on the day on which it is declared, to such authority as may be specified by the appropriate Government either generally or for a particular area or for a particular class of public utility services.
(4) The notice of strike referred to in sub- section (1) shall be given by such number of persons to such person or persons and in such manner as may be prescribed.
(5) The notice of lock- out referred to in sub- section (2) shall be given in such manner as may be prescribed.
(6) If on any day an employer receives from any persons employed by him any such notices as are referred to in sub- section (1) or gives to any persons employed by him any such notices as are referred to in sub- section (2), he shall within five days thereof report to the appropriate Government or to such authority as that Government may prescribe the number of such notices received or given on that day.
Supreme Court of India Important Judgments And Leading Case Law Related to Section 22 The Industrial Disputes Act, 1947:
The Automobile Products Of India vs Rukmaji Bala And Others(And on 3 February, 1955
Management, Essorpe Mills Ltd vs Presiding Officer, Labour Court on 4 April, 2008
Lakshmi Devi Sugar Mills Ltd vs Pt. Ram Sarup.(And Connected on 24 October, 1956
M/S:Modi Food Products Co vs Shri Faqir Chand Sharma & Others on 8 May, 1956
Banaras Ice Factory Limited vs Its Workmen on 28 November, 1956
Rohtas Industries Ltd vs Brijnandan Pandey on 11 October, 1956
Feroz Din And Others vs The State Of West Bengal on 25 November, 1959
Crescent Dyes And Chemicals Ltd. vs Ram Naresh Tripathi on 16 December, 1992
Punjab Beverages Pvt. Ltd., vs Suresh Chand And Anr on 21 February, 1978
Workers Of The Industry vs Management Of The on 12 December, 1952
औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 22 का विवरण -
हड़तालों और तालाबन्दियों का प्रतिषेध-(1) लोक उपयोगी सेवा में नियोजित कोई भी व्यक्ति-
(क) हड़ताल करने से पूर्व के छह सप्ताह के भीतर हड़ताल की सूचना नियोजक को इसमें इसके पश्चात् उपबन्धित रूप में दिए गए बिना, अथवा
(ख) ऐसी सूचना देने के चौदह दिन के भीतर, अथवा
(ग) किसी यथापूर्वोक्त सूचना में विनिर्दिष्ट हड़ताल की तारीख के अवसान से पू्र्व, अथवा
(घ) सुलह अधिकारी के समक्ष की किन्हीं सुलह कार्यवाहियों के लम्बित रहने के और ऐसी कार्यवाहियों की समाप्ति के पश्चात् सात दिन के दौरान,
संविदा-भंगकारी हड़ताल न करेगा ।
(2) किसी लोक उपयोगी सेवा को चलाने वाला कोई भी नियोजक-
(क) तालाबन्दी करने से पूर्व के छह सप्ताह के भीतर तालाबन्दी की सूचना सम्बद्ध कर्मकार को इसमें इसके पश्चात् उपबन्धित रूप में दिए बिना, अथवा
(ख) ऐसी सूचना देने के चौदह के दिन के भीतर, अथवा
(ग) किसी यथापूर्वोक्त सूचना में विनिर्दिष्ट तालाबन्दी की तारीख के अवसान से पूर्व, अथवा
(घ) सुलह अधिकारी के समक्ष की किन्हीं सुलह कार्यवाहियों के लम्बित रहने के और ऐसी कार्यवाहियों की समाप्ति के पश्चात् सात दिन के दौरान,
अपने किन्हीं भी कर्मकारों के प्रति तालाबन्दी नहीं करेगा ।
(3) तालाबन्दी या हड़ताल की इस धारा के अधीन सूचना वहां आवश्यक नहीं होगी जहां कि लोक उपयोगी सेवा में, यथास्थिति, हड़ताल या तालाबन्दी पहले से ही विद्यमान है, किंतु नियोजक ऐसी तालाबन्दी या हड़ताल की प्रज्ञापना उस दिन, जिस दिन वह घोषित की गई हो, ऐसे प्राधिकारी को भेजेगा जिसे समुचित सरकार द्वारा या तो साधारणतया या विशिष्ट क्षेत्र के लिए लोक उपयोगी सेवाओं के किसी विशिष्ट वर्ग के लिए विनिर्दिष्ट किया जाए ।
(4) उपधारा (1) में निर्दिष्ट हड़ताल की सूचना उतने व्यक्तियों द्वारा, ऐसे व्यक्ति या व्यक्तियों को, और ऐसी रीति से दी जाएगी, जो विहित किए जाएं या की जाए ।
(5) उपधारा (2) में निर्दिष्ट तालाबन्दी की सूचना ऐसी रीति से दी जाएगी जैसी विहित की जाए ।1956 के अधिनियम सं० 36 की धारा 16 द्वारा (10-3-1957 से) न्यायालय या अधिकरण” के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
(6) यदि किसी दिन नियोजक अपने द्वारा नियोजित किन्हीं व्यक्तियों से कोई ऐसी सूचनाएं, जैसी उपधारा (1) में निर्दिष्ट हैं, प्राप्त करता है या अपने द्वारा नियोजित किन्हीं व्यक्तियों को कोई ऐसी सूचनाएं, जैसी उपधारा (2) में निर्दिष्ट हैं, देता है तो वह उसके पांच दिन के भीतर समुचित सरकार को या ऐसे प्राधिकारी को, जिसे वह सरकार विहित करे उस दिन प्राप्त की गई या दी गई ऐसी सूचनाओं की संख्या की रिपोर्ट देगा ।
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