Section 437A CrPC

 

Section 437A CrPC in Hindi and English



Section 437A of CrPC 1973 :-437A. Bail to require accused to appear before next appellate Court -

(1) Before conclusion of the trial and before disposal of the appeal, the Court trying the offence or the Appellate Court, as the case may be, shall require the accused to execute bail bonds with sureties, to appear before the higher Court as and when such Court issues notice in respect of any appeal or petition filed against the judgment of the respective Court and such bail bonds shall be in force for six months. .

(2) If such accused fails to appear, the bond stand forfeited and the procedure under section 446 shall apply. 




Supreme Court of India Important Judgments And Case Law Related to Section 437A of Criminal Procedure Code 1973:



दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 437-क. का विवरण :  -  437-क. अगले अपीलीय न्यायालय में अभियुक्त के उपसंजात होने की अपेक्षा करने के लिए जमानत --

(1) विचारण की समाप्ति के पूर्व तथा अपील के निस्तारण के पूर्व अपराध का विचारण करने वाला यथास्थिति न्यायालय या अपीलीय न्यायालय अभियुक्त से अपेक्षा करेगा कि जैसे और जब ऐसा न्यायालय क्रमिक न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध दाखिल की गई अपील या याचिका के संबंध में नोटिस जारी करता है तो वह ऐसे उच्चतर न्यायालय के समक्ष उपसंजात होने के लिए प्रतिभुओं सहित जमानत बन्धपत्र निष्पादित करे और ऐसा जमानत बन्धपत्र छह माह तक प्रवृत्त रहेगा।

(2) यदि ऐसा अभियुक्त उपसंजात होने में असफल होता है तब बन्धपत्र का समपहरण हो जाएगा और धारा 446 के अधीन प्रक्रिया लागू होगी।



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