Section 424 CrPC
Section 424 CrPC in Hindi and English
Section 424 of CrPC 1973 :- 424. Suspension of execution of sentence of imprisonment -
(1) When an offender has been sentenced to fine only and to imprisonment in default of payment of the fine and the fine is not paid forthwith, the Court may
(a) order that the fine shall be payable either in full on or before a date not more. than thirty days from the date of the order, or in two or three instalments, of which the first shall be payable on or before a date not more than thirty days from the date of the order and the other or others at an interval or at intervals, as the case may be, of not more than thirty days;
(b) suspend the execution of the sentence of imprisonment and release the offender, on the execution by the offender of a bond, with or without sureties, as the Court thinks fit, conditioned for his appearance before the Court on the date or dates on or before which payment of the fine or the instalments thereof, as the case may be, is to be made; and if the amount of the fine or of any instalment, as the case may be, is not realised on or before the latest date on which it is payable under the order, the Court may direct the sentence of imprisonment to be carried into execution at once.
(2) The provisions of sub-section (1) shall be applicable also in any case in which an order for the payment of money has been made on non-recovery of which imprisonment may be awarded and the money is not paid forthwith; and, if the person against whom the order has been made, on being required to enter into a bond such as is referred to in that sub-section, fails to do so, the Court may at once pass sentence of imprisonment.
Supreme Court of India Important Judgments And Case Law Related to Section 424 of Criminal Procedure Code 1973:
Sankatha Singh vs State Of U.P on 25 January, 1962
State Of Orissa vs Ram Chander Agarwala Etc on 5 October, 1978
Shyam Deo Pandey & Ors vs State Of Bihar on 23 March, 1971
Dilip S. Dahanukar vs Kotak Mahindra Co. Ltd. & Anr on 10 April, 2007
Surendra Singh And Others vs The State Of Uttar Pradesh on 16 November, 1953
State Of Rajasthan vs Gurcharandas Chadha on 6 April, 1979
Alpic Finance Ltd vs P. Sadasivan And Anr on 16 February, 2001
U.J.S. Chopra vs State Of Bombay on 25 March, 1955
दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 424 का विवरण : - 424. कारावास के दण्डादेश के निष्पादन का निलंबन --
(1) जब अपराधी को केवल जुर्माने का और जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर कारावास का दण्डादेश दिया गया है और जुर्माना तत्काल नहीं दिया जाता है तब न्यायालय--
(क) आदेश दे सकता है कि जुर्माना या तो ऐसी तारीख को या उससे पहले, जो आदेश की तारीख से तीस दिन से अधिक बाद की न होगी, पूर्णतः संदेय होगा, या दो या तीन किस्तों में संदेय होगा जिनमें से पहली किस्त ऐसी तारीख को या उससे पहले संदेय होगी, जो आदेश की तारीख से तीस दिन से अधिक के बाद की न होगी, और अन्य किस्त या किस्तें, यथास्थिति, तीस दिन से अनधिक के अन्तराल या अन्तरालों पर संदेय होगी या होंगी;
(ख) कारावास के दण्डादेश का निष्पादन निलम्बित कर सकता है और अपराधी द्वारा प्रतिभुओं सहित या रहित, जैसा न्यायालय ठीक समझे, इस शर्त का बंधपत्र निष्पादित किए जाने पर कि, यथास्थिति, जुर्माना या उसकी किस्तें देने की तारीख या तारीखों को वह न्यायालय के समक्ष हाजिर होगा, अपराधी को छोड़ सकता है, और यदि, यथास्थिति, जुर्माने की या किसी किस्त की रकम उस अंतिम तारीख को या उसके पूर्व जिसको वह आदेश के अधीन संदेय हो, प्राप्त न हो तो न्यायालय कारावास के दण्डादेश के तुरंत निष्पादित किए जाने का निदेश दे सकता है।
(2) उपधारा (1) के उपबंध किसी ऐसे मामले में भी लागू होगे जिसमें ऐसे धन के संदाय के लिए आदेश किया गया है जिसके वसूल न होने पर कारावास अधिनिर्णीत किया जा सकता है और धन तुरन्त नहीं दिया गया है और यदि वह व्यक्ति जिसके विरुद्ध आदेश दिया गया है उस उपधारा में निर्दिष्ट बंधपत्र लिखने की अपेक्षा किए जाने पर ऐसा करने में असफल रहता है तो न्यायालय कारावास का दण्डादेश तुरन्त पारित कर सकता है।
To download this dhara / Section of CrPC in pdf format use chrome web browser and use keys [Ctrl + P] and save as pdf.
Comments
Post a Comment