Section 42 Motor Vehicles Act,1988
Section 42 Motor Vehicles Act, 1988 in Hindi and English
Section 42 of MV Act 1988 :- Special provision for registration of motor vehicles of diplomatic officers, etc. -- (1) Where an application for registration of a motor vehicle is made under sub-section (1) of section 41 by or on behalf of any diplomatic officer or consular officer, then, notwithstanding anything contained in sub-section (3) or sub-section (6) of that section, the registering authority shall register the vehicle in such manner and in accordance with such procedure as may be provided by rules made in this behalf by the Central Government under sub-section (3) and shall assign to the vehicle for display thereon a special registration mark in accordance with the provisions contained in those rules and shall issue a certificate (hereafter in this section referred to as the certificate of registration) that the vehicle has been registered under this section; and any vehicle so registered shall not, so long as it remains the property of any diplomatic officer or consular officer, require to be registered otherwise under this Act.
(2) If any vehicle registered under this section ceases to be the property of any diplomatic officer or consular officer, the certificate of registration issued under this section shall also cease to be effective, and the provisions of sections 39 and 40 shall thereupon apply.
(3) The Central Government may make rules for the registration of motor vehicles belonging to diplomatic officers and consular officers regarding the procedure to be followed by the registering authority for registering such vehicles, the form in which the certificates of registration of such vehicles are to be issued, the manner in which such certificates of registration are to be sent to the owners of the vehicles and the special registration marks to be assigned to such vehicles.
(4) For the purposes of this section, “diplomatic officer” or “consular officer” means any person who is recognised as such by the Central Government and if any question arises as to whether a person is or is not such an officer, the decision of the Central Government thereon shall be final.
Supreme Court of India Important Judgments And Case Law Related to Section 42 of Motor Vehicles Act, 1988:
The State Of Uttar Pradesh vs Bansraj(And Connected Appeal) on 9 October, 1958
Brij Mohan Parihar vs M.P. State Road Transport on 25 November, 1986
The Parbhani Transport vs The Regional Transport on 7 March, 1960
Mohd. Ibrahim Etc vs State Transport Appellate on 30 April, 1970
M/S. Raman & Raman Ltd vs The State Of Madras & Others on 18 February, 1959
Ishwar Singh Bagga & Ors. Etc vs State Of Rajasthan Etc on 19 November, 1986
Sobhraj Odharmal vs State Of Rajasthan on 17 September, 1962
D.R. Venkatachalam & Ors vs Dy. Transport Commissioner & on 10 December, 1976
Y. Mahaboob Sheriff And Others vs Mysore State Transport on 6 November, 1959
B. Rajagopala Naidu vs State Transport Appellate on 5 March, 1964
मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा 42 का विवरण : - राजनयिक अधिकारियों आदि के मोटर यानों के रजिस्ट्रीकरण के लिए विशेष उपबंध -- (1) जहां किसी मोटर यान के रजिस्ट्रीकरण के लिए किसी राजनयिक अधिकारी अथवा कौंसलीय अधिकारी द्वारा अथवा उसकी ओर से धारा 41 की उपधारा (1) के अधीन आवेदन किया गया है वहां उस धारा की उपधारा (3) या उपधारा (6) में किसी बात के होते हुए भी रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी उस यान को ऐसी रीति से और ऐसी प्रक्रिया के अनुसार रजिस्टर करेगा जो केन्द्रीय सरकार द्वारा उपधारा (3) के अधीन इस निमित्त बनाए गए नियमों द्वारा उपबंधित की जाए तथा उन नियमों में अंतर्विष्ट उपबंधों के अनुसार उस यान पर प्रदर्शित करने के लिए उसे एक विशेष रजिस्ट्रीकरण चिन्ह देगा तथा इस बात का प्रमाण-पत्र (जिसे इस धारा में इसके पश्चात् रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र कहा गया है) देगा कि वह यान इस धारा के अधीन रजिस्टर कर दिया गया है; और इस प्रकार रजिस्ट्रीकृत कोई यान जब तक किसी राजनयिक अधिकारी अथवा कौंसलीय अधिकारी की संपत्ति बना रहता है, इस अधिनियम के अधीन अन्यथा रजिस्टर किए जाने के लिए अपेक्षित नहीं होगा ।
(2) यदि इस धारा के अधीन रजिस्ट्रीकृत कोई यान किसी राजनयिक अधिकारी अथवा कौंसलीय अधिकारी की संपत्ति नहीं रहता है तो इस धारा के अधीन दिया गया रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र भी प्रभावी नहीं रहेगा, और तब धारा 39 और धारा 40 के उपबंध लागू होंगे।
(3) केन्द्रीय सरकार, राजनयिक अधिकारियों और कौंसलीय अधिकारियों के मोटर यानों के रजिस्ट्रीकरण के लिए रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी द्वारा ऐसे यानों को रजिस्टर करने में अनुसरण की जाने वाली प्रक्रिया के बारे में, उस प्ररूप के बारे में जिसमें ऐसे यानों के रजिस्ट्रीकरण के प्रमाण-पत्र दिए जाने हैं, उस रीति के बारे में जिससे ऐसे रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र उन यानों के स्वामियों को भेजे जाने हैं और ऐसे यानों के लिए विशेष रजिस्ट्रीकरण चिन्ह देने के बारे में नियम बना सकेगी।
(4) इस धारा के प्रयोजनों के लिए, “राजनयिक अधिकारी" या "कौंसलीय अधिकारी'' से ऐसा कोई व्यक्ति अभिप्रेत है जिसे केन्द्रीय सरकार ने उस रूप में मान्यता प्रदान की है और यदि ऐसा प्रश्न उठता है कि वह व्यक्ति ऐसा अधिकारी है या नहीं तो उस प्रश्न पर केन्द्रीय सरकार का विनिश्चय अंतिम होगा ।
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