Section 281 CrPC
Section 281 CrPC in Hindi and English
Section 281 of CrPC 1973 :- 281. Record of examination of accused —
(1) Whenever the accused is examined by a Metropolitan Magistrate, the Magistrate shall make a memorandum of the substance of the examination of the accused in the language of the Court and such memorandum shall be signed by the Magistrate and shall form part of the record.
(2) Whenever the accused is examined by any Magistrate other than a Metropolitan Magistrate, or by a Court of Session, the whole of such examination, including every question put to him and every answer given by him, shall be recorded in full by the presiding Judge or Magistrate himself or where he is unable to do so owing to a physical or other incapacity, under his direction and superintendence by an officer of the Court appointed by him in this behalf.
(3) The record shall, if practicable, be in the language in which the accused is examined or, if that is not practicable, in the language of the Court.
(4) The record shall be shown or read to the accused, or, if he does not understand the language in which it is written, shall be interpreted to him in a language which he understands and he shall be at liberty to explain or add to his answers.
(5) It shall thereafter be signed by the accused and by the Magistrate or presiding Judge, who shall certify under his own hand that the examination was taken in his presence and hearing and that the record contains a full and true account of the statement made by the accused
(6) Nothing in this section shall be deemed to apply to the examination of an accused person in the course of a summary trial.
Supreme Court of India Important Judgments And Case Law Related to Section 281 of Criminal Procedure Code 1973:
Syed Qasim Razvi vs The State Of Hyderabad And on 19 January, 1953
State Of Tamil Nadu Through vs Nalini And 25 Others on 11 May, 1999
State Of Rajasthan vs Mahendra Singh And Others on 20 April, 1995
दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 281 का विवरण : - 281. अभियुक्त की परीक्षा का अभिलेख --
(1) जब कभी अभियुक्त की परीक्षा किसी महानगर मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है तो वह मजिस्ट्रेट अभियुक्त की परीक्षा के सारांश का ज्ञापन न्यायालय की भाषा में तैयार करेगा और ऐसे ज्ञापन पर मजिस्ट्रेट हस्ताक्षर करेगा और वह अभिलेख का भाग होगा।
(2) जब कभी अभियुक्त की परीक्षा महानगर मजिस्ट्रेट से भिन्न किसी मजिस्ट्रेट या सेशन न्यायालय द्वारा की जाती है तब उससे पूछे गए प्रत्येक प्रश्न और उसके द्वारा दिए गए प्रत्येक उत्तर सहित ऐसी सब परीक्षा स्वयं पीठासीन न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट द्वारा या जहाँ वह किसी शारीरिक या अन्य असमर्थता के कारण ऐसा करने में असमर्थ है, वहाँ उसके द्वारा इस निमित्त नियुक्त न्यायालय के किसी अधिकारी द्वारा उसके निदेशन और अधीक्षण में पूरे तौर पर अभिलिखित की जाएगी।
(3) अभिलेख, यदि साध्य हो तो, उस भाषा में होगा जिसमें अभियुक्त की परीक्षा की जाती है या यदि यह साध्य न हो तो न्यायालय की भाषा में होगा।
(4) अभिलेख अभियुक्त को दिखा दिया जाएगा या उसे पढ़कर सुना दिया जाएगा या यदि वह भाषा को नहीं समझता है जिसमें वह लिखा गया है तो उसका भाषांतर उसे उस भाषा में, जिसे वह समझता है, सुनाया जाएगा और वह अपने उत्तरों का स्पष्टीकरण करने या उनमें कोई बात जोड़ने के लिए स्वतंत्र होगा।
(5) तब उस पर अभियुक्त और मजिस्ट्रेट या पीठासीन न्यायाधीश हस्ताक्षर करेंगे और मजिस्ट्रेट या पीठासीन न्यायाधीश अपने हस्ताक्षर से प्रमाणित करेगा कि परीक्षा उसकी उपस्थिति में की गई थी और उसने उसे सुना था और अभिलेख में अभियुक्त द्वारा किए गए कथन का पूर्ण और सही वर्णन है।
(6) इस धारा की कोई बात संक्षिप्त विचारण के अनुक्रम में अभियुक्त की परीक्षा को लागू होने वाली न समझी जाएगी।
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