Section 25 Motor Vehicles Act,1988
Section 25 Motor Vehicles Act, 1988 in Hindi and English
Section 25 of MV Act 1988 :- 25. Transfer of endorsement and issue of driving licence free from endorsement -- (1) An endorsement on any driving licence shall be transferred to any new or duplicate driving licence obtained by the holder thereof until the holder becomes entitled under the provisions of this section to have a driving licence issued to him free from endorsement.
(2) Where a driving licence is required to be endorsed and the driving licence is not in the possession of the Court or authority by which the endorsement is to be made, then --
(a) if the person in respect of whom the endorsement is to be made is at the time the holder of a driving licence, he shall produce the driving licence to the Court or authority within five days, or such longer time as the Court or authority may fix; or
(b) if, not being then the holder of a driving licence, he subsequently obtains a driving licence, he shall within five days after obtaining the driving licence produce it to the Court or authority,
and if the driving licence is not produced within the time specified, it shall, on the expiration of such time, be of no effect until it is produced for the purpose of endorsement.
(3) A person whose driving licence has been endorsed shall, if during a continuous period of three years after such endorsement no further endorsement has been made against him, be entitled on surrendering his driving licence and on payment of a fee of five rupees, to receive a new driving licence free from all endorsements :
Provided that if the endorsement is only in respect of an offence contravening the speed limits referred to in section 112, such person shall be entitled to receive a new driving licence free from such endorsements on the expiration of one year of the date of the endorsement :
Provided further that in reckoning the said period of three years and one year, respectively, any period during which the said person was disqualified for holding or obtaining a driving licence shall be excluded.
Supreme Court of India Important Judgments And Case Law Related to Section 25 of Motor Vehicles Act, 1988:
Sri Rama Vilas Service (P) Ltd vs C. Chandrasekaran & Ors on 9 December, 1963
State Of Karnataka And Anr vs H. Ganesh Kamath Etc. Etc on 31 March, 1983
State Of Tamil Nadu, Etc, Etc vs L. Abu Kavur Bai And Ors. Etc on 31 October, 1983
मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा 25 का विवरण : - पृष्ठांकन का उतारा जाना और पृष्ठांकन रहित चालन-अनुज्ञप्ति का दिया जाना -- (1) किसी चालन-अनुज्ञप्ति पर किए गए पृष्ठांकन को उसके धारक द्वारा अभिप्राप्त चालन-अनुज्ञप्ति की किसी नई या दूसरी प्रति पर तब तक उतारा जाएगा जब तक कि धारक इस धारा के उपबंधों के अधीन पृष्ठांकन रहित चालन-अनुज्ञप्ति दिए जाने के लिए हकदार नहीं हो जाता ।
(2) जहां यह अपेक्षित है कि चालन-अनुज्ञप्ति पर पृष्ठांकन किया जाए और वह चालनअनुज्ञप्ति उस न्यायालय या प्राधिकारी के पास नहीं है जिसके द्वारा पृष्ठांकन किया जाना है वहां--
(क) यदि वह व्यक्ति, जिसकी बाबत पृष्ठांकन किया जाना है, उस समय किसी चालन अनुज्ञप्ति का धारक है तो वह उस चालन-अनुज्ञप्ति को न्यायालय या प्राधिकारी के समक्ष पांच दिन के भीतर या इतने अधिक समय के भीतर पेश करेगा जितना न्यायालय या प्राधिकारी नियत करें; या
(ख) यदि उस समय वह चालन-अनुज्ञप्ति का धारक नहीं है किन्तु वह उसके पश्चात् चालन-अनुज्ञप्ति अभिप्राप्त करता है तो वह उस चालन-अनुज्ञप्ति को अभिप्राप्त करने के पश्चात् पांच दिन के भीतर उसे न्यायालय या प्राधिकारी के समक्ष पेश करेगा,
और यदि विनिर्दिष्ट समय के भीतर चालन-अनुज्ञप्ति पेश नहीं की जाती तो वह उक्त समय की समाप्ति पर तब तक प्रभावहीन रहेगा जब तक वह पृष्ठाकंन के प्रयोजन के लिए पेश नही कर दी जाती।
(3) जिस व्यक्ति की चालन-अनुज्ञप्ति पर पृष्ठाकंन किया गया है, यदि ऐसे पृष्ठांकन के पश्चात् लगातार तीन वर्ष की अवधि के दौरान उसके विरुद्ध कोई अतिरिक्त पृष्ठांकन का आदेश नहीं किया गया है तो वह अपनी चालन-अनुज्ञप्ति का अभ्यर्पण करने पर और पांच रुपए की फीस देने पर ऐसी नई चालन-अनुज्ञप्ति, जिसमें कोई पृष्ठांकन न हो, प्राप्त करने का हकदार होगा :
परन्तु यदि पृष्ठांकन धारा 112 में निर्दिष्ट गतिसीमा का उल्लंघन करने वाले अपराध की बाबत ही है, तो ऐसा व्यक्ति पृष्ठांकन की तारीख से एक वर्ष की समाप्ति पर ऐसी नई चालन-अनुज्ञप्ति जिसमें कोई पृष्ठांकन न हो प्राप्त करने का हकदार होगा :
परन्तु यह और कि क्रमशः तीन वर्ष और एक वर्ष की उक्त अवधि की गणना करने में वह अवधि अपवर्जित की जाएगी जिसके दौरान उक्त व्यक्ति चालन-अनुज्ञप्ति धारण करने या अभिप्राप्त करने के लिए निरर्ह कर दिया गया था ।
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