Section 20 CrPC
Section 20 CrPC in Hindi and English
Section 20 of CrPC 1973 :- 20. Executive Magistrates -(1) In every district and in every metropolitan area, the State Government may appoint as many persons as it thinks fit to be Executive Magistrates and shall appoint one of them to be the District Magistrate.
(2) The State Government may appoint any Executive Magistrate to be an Additional District Magistrate and such Magistrate shall have [such]of the powers of a District Magistrate under this Code or under any other law for the time being in force [as may be directed by the State Government]
(3) Whenever, in consequence of the office of a District Magistrate becoming vacant, any officer succeeds temporarily to the executive administration of the district, such officer shall, pending the orders of the State Government, exercise all the powers and perform all the duties respectively conferred and imposed by this Code on the District Magistrate.
(4) The State Government may place, an Executive Magistrate in charge of a subdivision and may relieve him of the charge as occasion requires and the Magistrate so placed in charge of a sub-division shall be called the Sub-divisional Magistrate.
[(4-A) The State Government may, by general or special order and subject to such control and directions as it may deem fit to impose, delegate its powers under sub-section (4) to the District Magistrate.]
(5) Nothing in this section shall preclude the State Government from conferring, under any law for the time being in force, on a Commissioner of Police, all or any of the powers of an Executive Magistrate in relation to a metropolitan area.
STATE AMENDMENT
Uttar Pradesh:
In section 20, after sub-section (5), the following sub-section shall be inserted, namely:-
"(6) The State Government may delegate its powers under sub-section (4) to the District Magistrate.”
[Vide Uttar Pradesh Act 1 of 1984, sec. 5 (w.e.f. 1-5-1984)]
Supreme Court of India Important Judgments And Case Law Related to Section 20 of Criminal Procedure Code 1973:
The Upper Ganges Sugar Mills Ltd vs Khalil-Ul-Rahman And Others on 6 September, 1960
A.N. Roy,Commissioner Of Police & vs Suresh Sham Singh on 4 July, 2006
State Of Karnataka And Anr vs Dr. Praveen Bhai Thogadia on 31 March, 2004
Usmanbhai Dawoodbhai Menon & Ors. vs State Of Gujarat on 14 March, 1988
Bachan & Another vs Kankar & Others on 26 July, 1972
Habeeb Mohamed vs The State Of Hyderabad on 30 March, 1953
Sunjay Dutt vs State (I) on 18 August, 1994
State Of U.P. And Ors vs Janki Devi Pal on 13 February, 2003
Dabur India Ltd vs K.R. Industries on 16 May, 2008
Jagannath Sonu Parkar vs State Of Maharashtra on 11 October, 1962
दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 20 का विवरण : - 20. कार्यपालक मजिस्ट्रेट -- (1) राज्य सरकार प्रत्येक जिले और प्रत्येक महानगर क्षेत्र में उतने व्यक्तियों को, जितने वह उचित समझे, कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त कर सकती है और उनमें से एक को जिला मजिस्ट्रेट नियुक्त करेगी।
(2) राज्य सरकार किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट को अपर जिला मजिस्ट्रेट नियुक्त कर सकेगी, और ऐसे मजिस्ट्रेट को इस संहिता के अधीन या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन जिला मजिस्ट्रेट की शक्तियाँ होंगी, जो राज्य सरकार निर्दिष्ट करे ।
(3) जब कभी किसी जिला मजिस्ट्रेट के पद की रिक्ति के परिणामस्वरूप कोई अधिकारी उस जिले के कार्यपालक प्रशासन के लिए अस्थायी रूप से उत्तरवर्ती होता है तो ऐसा अधिकारी, राज्य सरकार द्वारा आदेश दिए जाने तक क्रमश: उन सभी शक्तियों का प्रयोग और कर्तव्यों का पालन करेगा जो इस संहिता द्वारा जिला मजिस्ट्रेट को प्रदत्त या उस पर अधिरोपित हो।
(4) राज्य सरकार आवश्यकतानुसार किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट को उपखण्ड का भारसाधक बना सकती है। और उसको भारसाधन से मुक्त कर सकती है और इस प्रकार किसी उपखण्ड का भारसाधक बनाया गया मजिस्ट्रेट उपखण्ड मजिस्ट्रेट कहलाएगा।
(4-क) राज्य सरकार, साधारण या विशेष आदेश द्वारा और ऐसे नियंत्रणों और निदेशों के अधीन रहते हुए, जो वह अधिरोपित करना ठीक समझे, उपधारा (4) के अधीन अपनी शक्तियाँ, जिला मजिस्ट्रेट को प्रत्यायोजित कर सकेगी।
(5) इस धारा की कोई बात तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन, महानगर क्षेत्र के संबंध में कार्यपालक मजिस्ट्रेट की सब शक्तियाँ या उनमें से कोई शक्ति पुलिस आयुक्त को प्रदत्त करने से राज्य सरकार को प्रवारित नहीं करेगी।
राज्य संशोधन
उत्तरप्रदेश :
धारा 20 में उपधारा (5) के पश्चात् अग्रलिखित उपधारा (6) अन्त:स्थापित की जाएगी :-
“(6) राज्य सरकार उपधारा (4) के अधीन अपनी शक्तियों को डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को प्रत्यायोजित कर सकेगी।''
[देखें उत्तरप्रदेश एक्ट संख्या 1 सन् 1984, धारा 5 (दिनांक 1-5-1984 से प्रभावशील)]
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