Section 12 CrPC

 Section 12 CrPC in Hindi and English



Section 12 of CrPC 1973 :- 12. Chief Judicial Magistrate and Additional Chief Judicial Magistrate, etc. - (1) In every district (not being a metropolitan area), the High Court shall appoint a Judicial Magistrate of the first class to be the Chief Judicial Magistrate.

(2) The High Court may appoint any Judicial Magistrate of the first class to be an Additional Chief Judicial Magistrate and such Magistrate shall have all or any of the powers of a Chief Judicial Magistrate under this Code or under any other law for the time being in force as the High Court may direct.

(3) (a) The High Court may designate any Judicial Magistrate of the first class in any sub-division as the Sub-divisional Judicial Magistrate and relieve him of the responsibilities specified in this section as occasion requires.

(b) Subject to the general control of the Chief Judicial Magistrate, every Subdivisional Judicial Magistrate shall also have and exercise, such powers of supervision and control over the work of the Judicial Magistrates (other than Additional Chief Judicial Magistrates) in the sub-division as the High Court may, by general or special order, specify in this behalf.


STATE AMENDMENTS

Uttar Pradesh:

In section 12, after sub-section (3), the following sub-section shall be inserted, namely:-

“(4) Where the office of the Chief Judicial Magistrate is vacant or he is incapacitated by illness, absence or otherwise for the performance of his duties, senior-most among the Additional Chief Judicial Magistrate and other judicial Magistrates present at the place, and in their absence the district magistrate and in his absence the senior-most Executive Magistrate shall dispose of the urgent work of the Chief Judicial Magistrate.”

[Vide Uttar Pradesh Act 1 of 1984, sec. 3 (w.e.f. 1-5-1984)]



Supreme Court of India Important Judgments And Case Law Related to Section 12 of Criminal Procedure Code 1973:

The Upper Ganges Sugar Mills Ltd vs Khalil-Ul-Rahman And Others on 6 September, 1960

Agricultural Market Committee vs M/S M.K.Exports, A.P.Etc.Etc on 29 April, 2011

Union Of India & Anr vs B. N. Ananti Padmabiah Etc on 22 April, 1971

State Of Kerala vs M. K. Krishnan Nair & Ors.Andk. on 14 February, 1978

Beopar Sahayak (P) Ltd. & Ors vs Vishwa Nath & Ors on 15 July, 1987

Ramesh Chandra vs State Of U.P on 14 October, 1971

M.R. Patil & Anr vs The Member, Industrial Court & Anr on 1 April, 1997

State (Union Of India) vs Ram Saran on 4 December, 2003

Jayendra Saraswati Swamigal vs State Of Tamil Nadu on 22 July, 2008

Chand Patel vs Bismillah Begum & Anr on 14 March, 2008



दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 12 का विवरण :  -  12. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आदि -- (1) उच्च न्यायालय, प्रत्येक जिले में (जो महानगर क्षेत्र नहीं है) एक प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नियुक्त करेगा।

(2) उच्च न्यायालय किसी प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नियुक्त कर सकता है और ऐसे मजिस्ट्रेट को इस संहिता के अधीन या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की सब या कोई शक्तियाँ, जिनका उच्च न्यायालय निर्देश दे, होगी।

(3) (क) उच्च न्यायालय आवश्यकतानुसार किसी उपखण्ड में किसी प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट को उपखण्ड न्यायिक मजिस्ट्रेट के रूप में पदाभिहित कर सकता है और उसे इस धारा में विनिर्दिष्ट उत्तरदायित्वों से मुक्त कर सकता है।

(ख) प्रत्येक उपखण्ड न्यायिक मजिस्ट्रेट को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के साधारण नियंत्रण के अधीन रहते हुए उपखण्ड में (अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेटों से भिन्न) न्यायिक मजिस्ट्रेटों के काम पर पर्यवेक्षण और नियंत्रण की ऐसी शक्तियाँ भी होंगी, जैसी उच्च न्यायालय साधारण या विशेष आदेश द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे, और वह उनका  प्रयोग करेगा।


राज्य संशोधन

उत्तरप्रदेश :

इस धारा में उपधारा (3) के पश्चात् अग्रलिखित उपधारा (4) अन्त:स्थापित की जाएगी :-

“(4) जहाँ चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट का पद रिक्त है या वह बीमारी अनुपस्थिति या अन्यथा अपने कर्तव्यों के पालन में असमर्थ है तो वहाँ मौजूद एडीशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट और अन्य ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट में सबसे वरिष्ठ और उनकी अनुपस्थिति में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और उसकी अनुपस्थिति में सबसे वरिष्ठ कार्यपालक मजिस्ट्रेट, चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के अत्यावश्यक कार्य का निपटारा करेगा।''

[देखें उत्तरप्रदेश एक्ट संख्या 1 सन् 1984, धारा 3 (दिनांक 1-5-1984 से प्रभावशील)]



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