Section 11 CrPC

 Section 11 CrPC in Hindi and English



Section 11 of CrPC 1973 :-11. Courts of Judicial Magistrates — (1) In every district (not being a metropolitan area), there shall be established as many Courts of Judicial Magistrates of the first class and of the second class and at such places, as the State Government may, after consultation with the High Court, by notification, specify:

[Provided that the State Government may, after consultation with the High Court, establish, for any local area, one or more Special Courts of Judicial Magistrate of the first class or of the second class to try any particular case or particular class of cases and where any such Special Court is established, no other Court of Magistrate in the local area shall have jurisdiction to try any case or class of cases for the trial of which such Special Court of Judicial Magistrate has been established.]

(2) The presiding officers of such Courts shall be appointed by the High Courts.

(3) The High Court may, whenever it appears to it to be expedient or necessary, confer the powers of a Judicial Magistrate of the first class or of the second class on any member of the Judicial Service of the State, functioning as a Judge in a Civil Court.


STATE AMENDMENTS

Bihar:

In section 11, after sub-section (3), the following sub-section shall be inserted, namely:-

"(4) The State Government may likewise establish for any local area one or more Courts of Judicial Magistrate of the first class or second class to try any particular cases or particular class or categories of cases."

[Vide Bihar Act 8 of 1977, sec. 2 (w.e.f. 10-1-1977)].

Rajasthan:

In section 11, after sub-section (1), the following new sub-section shall be inserted, namely:-

“(1-A) The State Government may likewise establish as many Courts of Judicial Magistrates of the first class and of the second class in respect to particular case or particular classes of cases, or to cases generally, in any local area.”

[Vide Rajasthan Act 10 of 1977, sec. 2 (w.e.f. 13-10-1977)].

Uttar Pradesh:

In section 11, after sub-section (1) the following sub-section shall be inserted, namely:-

"(1A) The State Government may likewise establish as many Courts of Judicial Magistrates of the first class and of the second class in respect to particular cases, or to a particular class or particular classes of cases, or in regard to cases generally, in any local area."

[Vide Uttar Pradesh Act 16 of 1976, sec. 3 (w.e.f. 30-4-1976)]. 



Supreme Court of India Important Judgments And Case Law Related to Section 11 of Criminal Procedure Code 1973:

Md.Shahabuddin vs State Of Bihar & Ors on 25 March, 2010

Dr M. Ismail Frauqui And Ors. vs Union Of India (Uoi) And Ors. on 24 October, 1994

Dr. M. Ismail Faruqui Etc, Mohd. vs Union Of India And Others on 24 October, 1994

Ajaib Singh vs State Of Punjab on 2 February, 1965

Mohd. Aslam @ Bhure vs State Of U.P. & Ors on 22 March, 2007

Attiq-Ur-Rehman vs Municipal Corporation Of on 29 February, 1996

State (Union Of India) vs Ram Saran on 4 December, 2003

Vishwanath Gupta vs State Of Uttaranchal on 21 March, 2007

Jayendra Saraswati Swamigal vs State Of Tamil Nadu on 22 July, 2008

Chand Patel vs Bismillah Begum & Anr on 14 March, 2008



दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 11 का विवरण :  -  11. न्यायिक मजिस्ट्रेटों के न्यायालय -- (1) प्रत्येक जिले में (जो महानगर क्षेत्र नहीं है) प्रथम वर्ग और द्वितीय वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेटों के इतने न्यायालय, ऐसे स्थानों में स्थापित किए जाएँगे जितने और जो राज्य सरकार, उच्च न्यायालय से परामर्श के पश्चात् अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट करे :


[परन्तु राज्य सरकार उच्च न्यायालय से परामर्श के पश्चात् किसी स्थानीय क्षेत्र के लिए, प्रथम वर्ग या द्वितीय वर्ग के न्यायिक मजिस्ट्रेट के एक या अधिक विशेष न्यायालय, किसी विशेष मामले या विशेष वर्ग के मामलों का विचारण करने के लिए स्थापित कर सकती है और जहाँ कोई ऐसा विशेष न्यायालय स्थापित किया जाता है उस स्थानीय क्षेत्र में मजिस्ट्रेट के किसी अन्य न्यायालय को किसी ऐसे मामले या ऐसे वर्ग के मामलों का विचारण करने की अधिकारिता नहीं होगी, जिनके विचारण के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट का ऐसा विशेष न्यायालय स्थापित किया गया है ।]

(2) ऐसे न्यायालयों के पीठासीन अधिकारी उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त किए जाएँगे। 

(3) उच्च न्यायालय, जब कभी उसे यह समीचीन या आवश्यक प्रतीत हो, किसी सिविल न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में कार्यरत राज्य की न्यायिक सेवा के किसी सदस्य को प्रथम वर्ग या द्वितीय वर्ग मजिस्ट्रेट की शक्तियाँ प्रदान कर सकता है। 


राज्य संशोधन

बिहार :

धारा 11 में उपधारा (3) के पश्चात् अग्रलिखित उपधारा अन्त:स्थापित की जाएगी, अर्थात् :-

“(4) राज्य सरकार इसी तरह मामलों की किसी विशिष्ट श्रेणी या वर्गों के किसी विशिष्ट मामले का विचारण करने के लिए किसी स्थानीय क्षेत्र के लिए न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी या द्वितीय श्रेणी की एक या अधिक न्यायालय स्थापित कर सकेगी।''

[देखें बिहार एक्ट संख्या 8 सन् 1977, धारा 2 (दिनांक 10-1-1977 से प्रभावशील)]

राजस्थान :

धारा 11 में उपधारा (1) के पश्चात् अग्रलिखित नई उपधारा अन्त:स्थापित की जाएगी, अर्थात् :-

“(1-क) राज्य सरकार इसी भांति कोई स्थानीय क्षेत्र में विशिष्ट मामलों या विशिष्ट वर्ग या विशिष्ट मामलों के वर्गों के बाबद या आम मामलों के बारे में कितने भी प्रथम वर्ग या द्वितीय वर्ग के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के न्यायालय स्थापित कर सकेगी।''

[देखें राजस्थान एक्ट संख्या 10 सन् 1977, धारा 2 (दिनांक 13-10-1977 से प्रभावशील)]

उत्त्तरप्रदेश :

धारा 11 में उपधारा (1) के पश्चात् निम्नलिखित उपधारा अन्त:स्थापित की जाएगी, अर्थात :-

“(1-क) राज्य सरकार इसी भांति कोई स्थानीय क्षेत्र में विशिष्ट मामलों या एक विशिष्ट वर्ग या विशिष्ट वर्गों के मामले के बाबद अथवा सामान्य रूप के मामलों के बारे में कितने भी प्रथम वर्ग और द्वितीय वर्ग के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के न्यायालय स्थापित कर सकेगी।''

[देखें उत्तरप्रदेश एक्ट संख्या 16 सन् 1976, धारा 3 (दिनांक 30-4-1976 से प्रभावशील)]



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