Section 100 CrPC
Section 100 CrPC in Hindi and English
Section 100 of CrPC 1973 :- 100. Persons in charge of closed place to allow search - (1) Whenever any place liable to search or inspection under this Chapter is closed, any person residing in, or being in charge of, such place, shall, on demand of the officer or other person executing the warrant and on production of the warrant, allow him free ingress thereto and afford all reasonable facilities for a search therein.
(2) If ingress into such place cannot be so obtained, the officer or other person executing the warrant may proceed in the manner provided by sub-section (2) of section 47.
(3) Where any person in or about such place is reasonably suspected of concealing about his person any article for which search should be made, such person may be searched and if such person is a woman, the search shall be made by another woman with strict regard to decency.
(4) Before making a search under this Chapter, the officer or other person about to make it shall call upon two or more independent and respectable inhabitants of the locality in which the place to be searched is situate or of any other locality if no such inhabitant of the said locality is available or is willing to be a witness to the search, to attend and witness the search and may issue an order in writing to them or any of them so to do.
(5) The search shall be made in their presence and a list of all things seized in the course of such search and of the places in which they are respectively found shall be prepared by such officer or other person and signed by such witnesses; but no person witnessing a search under this section shall be required to attend the Court as a witness of the search unless specially summoned by it.
(6) The occupant of the place searched, or some person in his behalf, shall, in every instance, be permitted to attend during the search and a copy of the list prepared under this section, signed by the said witnesses, shall be delivered to such occupant or person.
(7) When any person is searched under sub-section (3), a list of all things taken possession of shall be prepared and a copy thereof shall be delivered to such person.
Supreme Court of India Important Judgments And Case Law Related to Section 100 of Criminal Procedure Code 1973:
State Of Punjab vs Balbir Singh on 1 March, 1994
Tofan Singh vs The State Of Tamil Nadu on 29 October, 2020
Kirpa Ram (D) Tr.Lrs. vs Surender Deo Gaur on 16 November, 2020
State Of Punjab vs Baldev Singh on 21 July, 1999
The State Of Punjab vs Baldev Singh on 21 July, 1999
State Of Uttar Pradesh vs Om Prakash Gupta on 28 October, 1969
Dilip & Anr vs State Of M.P on 24 November, 2006
State Of Rajasthan vs Jag Raj Singh @ Hansa on 29 June, 2016
Mohd. Ikram Hussain vs State Of U.P. & Others on 9 October, 1963
Mukesh Singh vs State (Narcotic Branch Of Delhi) on 31 August, 2020
दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 100 का विवरण : - 100. बंद स्थान के भारसाधक व्यक्ति तलाशी लेने देंगे -- (1) जब कभी इस अध्याय के अधीन तलाशी लिए जाने या निरीक्षण किए जाने वाला कोई स्थान बंद है तब उस स्थान में निवास करने वाला या उसका भारसाधक व्यक्ति उस अधिकारी या अन्य व्यक्ति की, जो वारण्ट का निष्पादन कर रहा है, मांग पर और वारण्ट के पेश किए जाने पर उसे उसमें अबाध प्रवेश करने देगा और वहाँ तलाशी लेने के लिए सब उचित सुविधाएँ देगा।
(2) यदि उस स्थान में इस प्रकार प्रवेश प्राप्त नहीं हो सकता है तो वह अधिकारी या अन्य व्यक्ति जो वारण्ट का निष्पादन कर रहा है धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा उपबंधित रीति से कार्यवाही कर सकेगा।
(3) जहाँ किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में, जो ऐसे स्थान में या उसके आसपास है, उचित रूप से यह संदेह किया जाता है कि वह अपने शरीर पर कोई ऐसी वस्तु छिपाए हुए है जिसके लिए तलाशी ली जानी चाहिए तो उस व्यक्ति की तलाशी ली जा सकती है और यदि वह व्यक्ति स्त्री है, तो तलाशी शिष्टता का पूर्ण ध्यान रखते हुए अन्य स्त्री द्वारा ली जाएगी।
(4) इस अध्याय के अधीन तलाशी लेने के पूर्व ऐसा अधिकारी या अन्य व्यक्ति, जब तलाशी लेने ही वाला हो, तलाशी में हाजिर रहने और उसके साक्षी बनने के लिए उस मुहल्ले के, जिसमें तलाशी लिया जाने वाला स्थान है, दो या अधिक स्वतंत्र और प्रतिष्ठित निवासियों को या यदि उक्त मुहल्ले का ऐसा कोई निवासी नहीं मिलता है या उस तलाशी का साक्षी होने के लिए रजामन्द नहीं है तो किसी अन्य मुहल्ले के ऐसे निवासियों को बुलाएगा और उनको या उनमें से किसी को ऐसा करने के लिए लिखित आदेश जारी कर सकेगा।
(5) तलाशी उनकी उपस्थिति में ली जाएगी और ऐसी तलाशी के अनुक्रम में अभिगृहीत सब चीजों की और जिन-जिन स्थानों में वे पाई गई है उनकी सूची ऐसे अधिकारी या अन्य व्यक्ति द्वारा तैयार की जाएगी और ऐसे साक्षियों द्वारा उस पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, किन्तु इस धारा के अधीन तलाशी के साक्षी बनने वाले किसी व्यक्ति से, तलाशी के साक्षी के रूप में न्यायालय में हाजिर होने की अपेक्षा उस दशा में ही की जाएगी जब वह न्यायालय द्वारा विशेष रूप से समन किया गया हो।
(6) तलाशी लिए जाने वाले स्थान के अधिभोगी को या उसकी ओर से किसी व्यक्ति को तलाशी के दौरान हाजिर रहने की अनुज्ञा प्रत्येक दशा में दी जाएगी और इस धारा के अधीन तैयार की गई उक्त साक्षियों द्वारा हस्ताक्षरित सूची की एक प्रतिलिपि ऐसे अधिभोगी या ऐसे व्यक्ति को परिदत्त की जाएगी।
(7) जब किसी व्यक्ति की तलाशी उपधारा (3) के अधीन ली जाती है तब कब्जे में ली गई सब चीजों की सूची तैयार की जाएगी और उसकी एक प्रतिलिपि ऐसे व्यक्ति को परिदत्त की जाएगी।
(8) कोई व्यक्ति जो इस धारा के अधीन तलाशी में हाजिर रहने और साक्षी बनने के लिए ऐसे लिखित आदेश द्वारा, जो उसे परिदत्त या निविदत्त किया गया है, बुलाए जाने पर, ऐसा करने से उचित कारण के बिना इन्कार या उसमें उपेक्षा करेगा, उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) की धारा 187 के अधीन अपराध किया है।
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