PIL/ पी.आई.एल. क्या है ?
पी.आई.एल. क्या है ?
प्रश्न- लोक-हित मुकदमा या पी.आई.एल. ( पब्लिक इंट्रस्ट लिटिगेशन) का क्या अर्थ है ?
उत्तर- इससे प्रायोजन है आम जनता या किसी विशेष वर्ग के लोगों के हित को लागू करने के लिए न्याय के मंदिर में वैदिक कार्यवाही आरंभ करना जिससे जनता या किसी विशेष वर्ग या समुदाय के वैदिक अधिकार और दायित्व पूर्ण किए जा सके। ( देखें जनता दल बनाम एच. एस.चौधरी 1942 के मामले में दिया गया निर्णय)
पी.आई.एल.कानूनी सहायता अभियान का एक अभिन्न अंग है | इसका लक्ष्य है गरीब जनता को न्याय दिलाना | वह लोग जो न्यायालयों तक अकेले नहीं पहुंच पाते यह उन्हें न्याय दिलाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है | इसका आधार विशेषताया उस वर्ग के लोगों को सुविधा देने के लिए किया गया जिन्हें उनके संवैधानिक और विधिक अधिकार प्राप्त नहीं हो पाए हैं क्योंकि वह अपनी सामाजिक और आर्थिक दुर्बलता के कारण न्यायालयों के द्वार तक नहीं पहुंच पाते |
आज करोड़ों लोगों की आश न्यायलयों से बंधी हुई है ये लोग जो गरीब और मानवता के उस वर्ग में आते हैं जो आघात योग्य है | वे अपने जीवन की व्यवस्था के सुधर के लिए और अपने जीवन को अर्थपूर्ण बनाने के लिए न्यायालयों की ओर निगाहें बिछाए बैठे हैं | समय आ गया है कि न्यायालय अब गरीब और संघर्षरत जनता का साथ दें और उनकी आवाज बन सके | धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है और लोक-हित मुकदमें ऐसा बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं |
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