माचिस बनाने के कारखानों में नियोजित बच्चों का मामला


प्रश्न० उच्चतम न्यायालय ने माचिस बनाने के कारखानों में नियोजित बच्चों के मामले में क्या निर्णय दिया ? 

उ०  श्री एस. सी. मेहता बनाम तमिलाडु राज्य सरकार (AlR1991S C 717) मैं उच्चतम न्यायालय ने कहा कि बच्चों को माचिस बनाने के कारखानों या अन्य किसी भी खतरनाक निर्माण प्रतिक्रियाओं में नियोजित नहीं किया जा सकता जो बाल नियोजन अधिनियम 1938 के तहत खतरनाक माने गए हैं। यद्यपि उन्हें पैकिंग प्रक्रिया में नियोजित किया जा सकता है पर ऐसा तभी हो सकता है जब यह क्षेत्र निर्माण के स्थान से दूर हो जिससे दुर्घटना की संभावना को रोका जा सके। प्रत्येक बच्चे पर 5000/- रुपयों में बीमा कराना चाहिए जिसके प्रीमियम की किस्त नियोजक को ही अदा करनी होगी।

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