फरीदाबाद के बंधुआ मजदूरों का मामला


प्रश्न०  इस मामले के तथय क्या थे? 

उ०  इस मामले में एक पत्र जो न्यायमूर्ति भगवती को संबोधित था और जिस से फरीदाबाद स्थित पत्थर के खान में  कार्य कर रहे बदुआ मजदूरों की दयनीय स्थिति के बारे में लिखा गया था उसे पत्र याचिका समझ दाखिल किया गया कोर्ट ने अधिवक्ताओं  तथा आई टी. आई.  के डा  पटवर्धन को विधिक जांच करने के लिए नियुक्त किया ।

प्रश्न० इस मामले में उच्चतम न्यायालय का क्या निर्णय दिया? 

उ०  अपनी रिपोर्ट के आधार पर उच्चतम न्यायालय ने बधुआ मजदूर को मुक्त करते हुए वादी के तर्कों को मानते हुए कहा की पत्थर की खान भी खदान अधिनियम में दी गई खान की परिभाषा में ही सम्मिलित है  और इसी कारण वे सभी लाभ जो अन्य मजदूरों को मिलते हैं वही इन मजदूरों को मिलने चाहिए तथा अन्य सभी लाभ भी जो कल्याणकारी कानूनी द्वारा मिलते हैं वह भी इन्हें मिलना चाहिए ।

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