एक्सरे तकनीक से ऊपजी किरणों के दुष्प्रभाव पड़ने पर मुआवजा
प्रश्न० इस लोक हित मुकदमे में वादी कौन थे?
उ० भारत इलेक्ट्रॉनिक कर्मचारी यूनियन।
प्रश्न० याचिको द्वारा क्या मुद्दे उठाए गए थे?
उ० उन्होंने कहा कि भारत इलेक्ट्रॉनिक कंपनी जो एक पब्लिक सेक्टर नियोजन है वहां एक ट्रांसमीटर असबेली कक्ष में कार्यरत मजदूरों को एक्सरे तकनीक में निकली किरणों द्वारा बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसका कारण है कंपनी की सुरक्षा नियमों और सुरक्षा उपायों को लागू करने में विफलता।
प्रश्न० वादी ने न्यायालय से क्या राहत मांगी?
उ० उन्होंने अपने मूल अधिकारों के हनन के लिए मुआवजे की मांग की।
प्रश्न० कंपनी द्वारा क्या समझौता किया गया?
उ० चिकत्सकीय परीक्षण द्वारा दुष्प्रभाव साबित होने पर कंपनी ने मुआवजा देने की मांग को स्वीकार किया ।
प्रश्न० उच्चतम न्यायालय ने क्या निर्देश दिए ?
उ० न्यायालय ने निर्देश दिया कि सभी सुरक्षा नियम तथा सुरक्षा उपाय कडे प्रकार से लागू किए जाएं तथा समक्ष प्राधिकरण द्वारा इसकी वार्षिक जांच की जाए। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिए की फैक्ट्री के संवेदनशील भाग में जो भी मजदूरी या अधिकारी नियुक्त हैं उन्हें साधारण बीमा के अतिरिक्त अलग से एक लाख मजदूरों के लिए तथा दो लाख अधिकारियों का बीमा कराया जाए । इस बीमा पालिसी के खर्च का वाहन कंपनी द्वारा व्यवसाय राशि के प्रकार किया जाना चाहिए।
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