उदारवादी विचारों का भय


प्रश्न०  उच्चतम न्यायालय द्वारा वैद्य स्थिति को उदार दृष्टि से देखने के बारे में कुछ लोगों ने  क्या भय प्रकट किया ? 

उ०  उन्हें भय था कि इस प्रकार के उदारवादी विचारों के कारण न्यायालय में रिट याचिकाओं का ढेर लग जाएगा इस कारण वर्ष इसे बढ़ावा ना दिया जाए |

प्रश्न०  कोर्ट का इस आलोचना के प्रति क्या रवैया था |

उ ० इस आलोचना के बारे में न्यायालय ने घोषणा की किसी राज्य को यह अधिकार नहीं है वह अपने नागरिकों को यह कह सके कि क्योंकि हमारे न्यायालय धनि वर्ग के कई मामले विचाराधीन है इसीलिए वह न्यायालय में आकर  न्याय मांगने वाले निर्धन वर्ग के मामलों की सुनवाई नहीं करेंगे | जब तक वह विचाराधीन मामले जो उन लोगों द्वारा दायर किए गए हैं जो धनी अधिवक्ताओं को अपना मामला सोपने  में समर्थ है उनका निपटारा नहीं होता  |


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