किराएदार के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय की व्यवस्था

 किराएदार के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय की व्यवस्था


सर्वोच्च न्यायालय ने बेदखली के एक मामले उत्तर प्रदेश शहरी भवन ( किरायेदार  एवं बेदखली नियम) अधिनियम( संशोधित) की धारा 24 (2) को परिभाषित करते हुए कहा है कि यदि सन 1970 के पहले समझौते के तहत भूस्वामी अपने भवन को ध्वस्त कर देता है तो इसके साथ ही किरायेदार का भवन में किरायेदारी का अधिकार भी समाप्त हो जाएगा |

न्यायमूर्ति एम0 जगन्नाथ राव एवं न्यायमूर्ति बी0 की खंडपीठ ने याची लाल चंद्र के अपील का निपटारा करते हुए कहा कि नए अधिनियम के अनुसार जब कभी भूस्वामी भवन का पुनर्निर्माण  करता है या उसे ध्वस्त करता है तो किराएदार पुनः  कब्जे के लिए प्राधिकृत अधिकारी को फिर से आवेदन करेगा परंतु उसे स्वीकृति देने के लिए अधिकारी वाद्य नहीं है |

खंडपीठ ने कहा कि जब तक सन 1997 के कानून द्वारा कमरे पर किरायेदारी का प्रश्न है हम पाते हैं कि पुनः अधिनियम की धारा 19 किराएदार को संरक्षण देती है परंतु यह संरक्षण उसे तब मिलेगा तब भवन आग या आंधी तूफान से नष्ट हुआ हो अथवा जिस उद्देश्य के लिए उसे किराए पर दिया गया हो उसके लिए वह अनुपयोगी हो चुका हो और इस वजह से उसका पुनर्निर्माण किया गया हो

 परंतु यदि समझौते के तहत धाराशाही कर इसका पुनर्निर्माण  किया गया हो तो यह धारा लागू नहीं होगी |

Comments

Popular posts from this blog

100 Questions on Indian Constitution for UPSC 2020 Pre Exam

भारतीय संविधान से संबंधित 100 महत्वपूर्ण प्रश्न उतर

संविधान की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख | Characteristics of the Constitution of India