Section 85 The Trade Marks Act, 1999
Section 85 The Trade Marks Act, 1999:
Qualifications for appointment as Chairman, Vice-Chairman, or other Members.—
(1) A person shall not be qualified for appointment as the Chairman unless he—
(a) is, or has been, a Judge of a High Court; or
(b) has, for at least two years, held the office of a Vice-Chairman.
(2) A person shall not be qualified for appointment as the Vice-Chairman, unless he—
(a) has, for at least two years, held the office of a Judicial Member or a Technical Member; or
(b) has been a member of the Indian Legal Service and has held a post in Grade I of that Service or any higher post for at least five years.
(3) A person shall not be qualified for appointment as a Judicial Member, unless he—
(a) has been a member of the Indian Legal Service and has held the post in Grade I of that Service for at least three years; or
(b) has, for at least ten years, held a civil judicial office.
(4) A person shall not be qualified for appointment as a Technical Member, unless he—
(a) has, for at least ten years, exercised functions of a tribunal under this Act or under the Trade and Merchandise Marks Act, 1958 (43 of 1958), or both, and has held a post not lower than the post of a Joint Registrar for at least five years; or
(b) has, for at least ten years, been an advocate of a proven specialised experience in trade mark law.
(5) Subject to the provisions of sub-section (6), the Chairman, Vice-Chairman and every other Member shall be appointed by the President of India.
(6) No appointment of a person as the Chairman shall be made except after consultation with the Chief Justice of India.
Supreme Court of India Important Judgments And Leading Case Law Related to Section 85 The Trade Marks Act, 1999:
Silver Audio Systems vs Associated Electronic And ... on 8 October, 1985
Shamnad Basheer vs Union Of India on 10 March, 2015
Shamnad Basheer vs Union Of India on 10 March, 2015
Shamnad Basheer vs Union Of India on 10 March, 2015
Ram Rakhpal vs Amrit Dhara Pharmacy And Ors. on 14 December, 1956
व्यापार चिह्न अधिनियम, 1999 की धारा 85 का विवरण :
अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या अन्य सदस्यों के रूप में नियुक्ति के लिए अर्हताएं-(1) कोई व्यक्ति अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के लिए तभी अर्हित होगा जब वह-
(क) किसी उच्च न्यायालय का न्यायाधीश है या रहा है; या
(ख) कम से कम दो वर्ष तक उपाध्यक्ष का पद धारण कर चुका हो ।
(2) कोई व्यक्ति उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के लिए तभी अर्हित होगा जब वह-
(क) कम से कम दो वर्ष तक न्यायिक सदस्य या तकनीकी सदस्य के रूप में पद धारण कर चुका हो; य
(ख) भारतीय विधि सेवा का सदस्य रहा है और उस सेवा के ग्रेड-1 में या किसी उच्च पद पर कम से कम पांच वर्ष तक पद धारण कर चुका हो ।
(3) कोई व्यक्ति न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्ति के लिए तभी अर्हित होगा जब वह-
(क) भारतीय विधि सेवा का सदस्य रहा है और उस सेवा के ग्रेड-1 में कम से कम तीन वर्ष तक पद धारण कर चुका है; या
(ख) कम से कम दस वर्ष तक कोई सिविल न्यायिक पद धारण कर चुका हो ।
(4) कोई व्यक्ति तकनीकी सदस्य के रूप में नियुक्ति के लिए तभी अर्हित होगा जब वह-
(क) कम से कम दस वर्ष तक इस अधिनियम या व्यापार और पण्य वस्तु चिह्न अधिनियम, 1958 (1958 का 43) के अधीन, या दोनों के अधीन अधिकरण के कृत्यों का निर्वहन कर चुका है और कम से कम पांच वर्ष तक कोई ऐसा पद धारण कर चुका है जो संयुक्त रजिस्ट्रार के पद से निम्न पंक्ति का न हो ; या
(ख) कम से कम दस वर्ष तक ऐसा अधिवक्ता रहा हो जिसे व्यापार चिह्न विधि में साबित विशेषज्ञीय अनुभव हो ।
(5) उपधारा (6) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और प्रत्येक अन्य सदस्य की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी ।
(6) अध्यक्ष के रूप में किसी व्यक्ति की नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायमूर्ति से परामर्श के पश्चात् ही की जाएगी, अन्यथा नहीं
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