Section 22 Arbitration and Conciliation Act, 1996
Section 22 Arbitration and Conciliation Act, 1996:
Language.—
(1) The parties are free to agree upon the language or languages to be used in the arbitral proceedings.
(2) Failing any agreement referred to in sub-section (1), the arbitral tribunal shall determine the language or languages to be used in the arbitral proceedings.
(3) The agreement or determination, unless otherwise specified, shall apply to any written statement by a party, any hearing and any arbitral award, decision or other communication by the arbitral tribunal.
(4) The arbitral tribunal may order that any documentary evidence shall be accompanied by a translation into the language or languages agreed upon by the parties or determined by the arbitral tribunal.
Supreme Court of India Important Judgments And Leading Case Law Related to Section 22 Arbitration and Conciliation Act, 1996:
Jay Engineering Works Ltd vs Industry Facilitation Council on 14 September, 2006
Manohar Lal vs Vinesh Anand & Ors on 9 April, 2001
माध्यस्थम् और सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 22 का विवरण :
भाषा-(1) पक्षकार माध्यस्थम् कार्यवाहियों में प्रयोग की जाने वाली भाषा या भाषाओं पर करार करने के लिए स्वतंत्र हैं ।
(2) उपधारा (1) में निर्दिष्ट किसी करार के न होने पर, माध्यस्थम् अधिकरण, माध्यस्थम् कार्यवाहियों में प्रयोग की जाने वाली भाषा या भाषाओं का अवधारण करेगा ।
(3) करार या अवधारण, जब तक कि अन्यथा विनिर्दिष्ट न हो, किसी पक्षकार द्वारा किए गए किसी लिखित कथन, माध्यस्थम् अधिकरण द्वारा किसी सुनवाई और किसी माध्यस्थम् पंचाट, विनिश्चय या अन्य संसूचना को लागू होगा ।
(4) माध्यस्थम् अधिकरण यह आदेश कर सकेगा कि किसी दस्तावेजी साक्ष्य के साथ उसका उस भाषा या उन भाषाओं में, जो पक्षकारों द्वारा करार की गई हैं या माध्यस्थम् अधिकरण द्वारा अवधारित की गई हैं, अनुवाद होगा ।
To download this dhara / Section of Arbitration and Conciliation Act, 1996 in pdf format use chrome web browser and use keys [Ctrl + P] and save as pdf.
Comments
Post a Comment