Section 155 The Trade Marks Act, 1999
Section 155 The Trade Marks Act, 1999:
Provision as to reciprocity.—Where any country or country which is a member of a group of countries or union of countries or Inter-Governmental Organisation specified by the Central Government in this behalf by notification in the Official Gazette does not accord to citizens of India the same rights in respect of the registration and protection of trade marks as it accords to its own nationals, no national of such country or country which is a member of a group of countries or union of countries or Inter-Governmental Organisation, as the case may be, shall be entitled, either solely or jointly with any other person,—
(a) to apply for the registration of, or be registered as the proprietor of, a trade mark;
(b) to be registered as the assignee of the proprietor of a registered trade mark; or
(c) to apply for registration or be registered as a registered user of a trade mark under section 49.
Supreme Court of India Important Judgments And Leading Case Law Related to Section 155 The Trade Marks Act, 1999:
Sim Sim Trading Company & Another vs Cream Creation & Another on 15 December, 1998
Revision vs Unknown
Sevantilal S. Shah vs State Of Gujarat on 12 January, 1967
Anja Match Industries Rep. By Its vs M/S. South Indian Lucifer Match on 7 October, 1998
व्यापार चिह्न अधिनियम, 1999 की धारा 155 का विवरण :
व्यतिकारिता के लिए उपबंध-जहां केन्द्रीय सरकार द्वारा इस निमित्त राजपत्र में अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट कोई देश या ऐसा देश जो देशों के समूह या देशों के संघ या अन्तर-शासनात्मक संगठन का सदस्य है, भारत के नागरिकों को व्यापार चिह्न के रजिस्ट्रीकरण और संरक्षण की बाबत वही अधिकार नहीं देता है जो वह अपने राष्ट्रिकों को देता है, वहां, यथास्थिति, ऐसे देश या ऐसा देश जो देशों के समूह या देशों के संघ या अन्तर-शासनात्मक संगठन का सदस्य है, का कोई राष्ट्रिक या तो अकेले ही या किसी अन्य व्यक्ति से संयुक्ततः-
(क) व्यापार चिह्न के रजिस्ट्रीकरण के लिए आवेदन करने के लिए, या उसके स्वत्वधारी के रूप में रजिस्ट्रीकरण होने के लिए;
(ख) रजिस्ट्रीकृत व्यापार चिह्न के स्वत्वधारी के समनुदेशिती के रूप में रजिस्ट्रीकृत होने के लिए; या
(ग) धारा 49 के अधीन व्यापार चिह्न के रजिस्ट्रीकृत उपयोगकर्ता के रूप में रजिस्ट्रीकरण के लिए आवेदन करने के लिए या रजिस्ट्रीकृत होने के लिए, हकदार नहीं होगा ।
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