Section 127 The Trade Marks Act, 1999
Section 127 The Trade Marks Act, 1999:
Powers of Registrar.—In all proceedings under this Act before the Registrar,—
(a) the Registrar shall have all the powers of a civil court for the purposes of receiving evidence, administering oaths, enforcing the attendance of witnesses, compelling the discovery and production of documents and issuing commissions for the examination of witnesses;
(b) the Registrar may, subject to any rules made in this behalf under section 157, make such orders as to costs as he considers reasonable, and any such order shall be executable as a decree of a civil court: Provided that the Registrar shall have no power to award costs to or against any party on an appeal to him against a refusal of the proprietor of a certification trade mark to certify goods or provision of services or to authorise the use of the mark;
(c) the Registrar may, on an application made in the prescribed manner, review his own decision.
Supreme Court of India Important Judgments And Leading Case Law Related to Section 127 The Trade Marks Act, 1999:
4 Whether This Case Involves A vs Premchandbhai Venidas Patel & 2 on 17 July, 2017
Nissan Jidosha Kabushiki Kaisha, vs Crossword Agro Industries And on 19 March, 2008
Medical Technologies Limited vs Neon Laboratories Limited on 3 April, 2012
Mr.Kamal Kishore Arora vs Ministry Of Commerce And Industry on 7 March, 2011
United Breweries Ltd vs Khodays Breweries Limited on 1 April, 2013
व्यापार चिह्न अधिनियम, 1999 की धारा 127 का विवरण :
रजिस्ट्रार की शक्ति-रजिस्ट्रार के समक्ष इस अधिनियम के अधीन सभी कार्यवाहियों में-
(क) रजिस्ट्रार को साक्ष्य लेने, शपथ दिलाने, साक्षियों को उपस्थित कराने, दस्तावेजों के प्रकटीकरण और उन्हें पेश कराने और साक्षियों की परीक्षा के लिए कमीशन निकालने के प्रयोजनों के लिए सिविल न्यायालय की सभी शक्तियां होंगी;
(ख) रजिस्ट्रार धारा 157 के अधीन इस निमित्त बनाए गए किन्हीं नियमों के अधीन रहते हुए, खर्च के बारे में ऐसे आदेश कर सकेगा जिन्हें वह युक्तियुक्त समझे और ऐसा कोई आदेश सिविल न्यायालय की डिक्री के रूप में निष्पादित किया जाएगा:
परन्तु रजिस्ट्रार को प्रमाणीकरण व्यापार चिह्न के स्वत्वधारी द्वारा माल को प्रमाणीकृत करने या सेवाओं का उपबंध करने से इंकार करने या चिह्न का उपयोग प्राधिकृत करने के विरुद्ध उसको की गई अपील में किसी पक्षकार को या उसके विरुद्ध खर्चा अधिनिर्णीत करने की शक्ति नहीं होगी;
(ग) विहित रीति से आवेदन करने पर रजिस्ट्रार अपने विनिश्चय का पुनर्विलोकन कर सकेगा ।
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