Section 489E IPC in Hindi and English

 

Section 489E IPC in Hindi and English



Section 489E of IPC 1860:- Making or using documents resembling currency-notes or bank-notes -

(1) Whoever makes, or causes to be made, or uses for any purpose whatsoever, or delivers to any person, any document purporting to be, or in any way resembling, or so nearly resembling as to be calculated to deceive, any currency-note or bank-note shall be punished with fine which may extend to one hundred rupees.

(2) If any person, whose name appears on a document the making of which is an offence under sub-section (1), refuses, without lawful excuse, to disclose to a police officer on being so required the name and address of the person by whom it was printed or otherwise made, he shall be punished with fine which may extend to two hundred rupees.

(3) Where the name of any person appears on any document in respect of which any person is charged with an offence under sub-section (1) or on any other document used or distributed in connection with that document it may, until the contrary is proved, be presumed that, that person caused the document to be made.




Supreme Court of India Important Judgments And Case Law Related to Section 489E of Indian Penal Code 1860:

State Of Kerala vs Mathal Verghese & Ors on 19 November, 1986

G. V. Ramanaiah vs The Superintendent Of Central on 10 October, 1973

Umashankar vs State Of Chhattisgarh on 5 October, 2001

Umashanker vs State Of Chhattisgarh on 5 October, 2001



आईपीसी, 1860 (भारतीय दंड संहिता) की धारा 489 ङ. का विवरण - करेन्सी नोटों या बैंक नोटों से सदृश रखने वाली दस्तावेजों की रचना या उपयोग -

(1) जो कोई किसी दस्तावेज को, जो करेंसी नोट या बैंक नोट होना तात्पर्यत हो या करेंसी नोट या बैंक नोट के किसी भी प्रकार सदृश हो या इतने निकटतः सदृश हो कि प्रवंचना हो जाना प्रकल्पित हो, रचेगा या रचवाएगा या किसी भी प्रयोजन के लिए उपयोग में लाएगा या किसी व्यक्ति को परिदत्त करेगा, वह जुर्माने से, जो एक सौ रुपए तक का हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा।

(2) यदि कोई व्यक्ति जिसका नाम ऐसी दस्तावेज पर हो जिसकी रचना उपधारा (1) के अधीन अपराध है, किसी पुलिस ऑफिसर को या उस व्यक्ति का नाम और पता जिसके द्वारा वह मुद्रित की गई थी या अन्यथा रची गई थी, बताने के लिए अपेक्षित किए जाने पर उसे विधिपूर्ण प्रति हेतु के बिना बताने से इंकार करेगा, वह जुर्माने से, जो दो सौ रुपए तक का हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा।

(3) जहां कि किसी ऐसी दस्तावेज पर जिसके बारे में किसी व्यक्ति पर उपधारा (1) के अधीन अपराध का आरोप लगाया गया हो, या किसी अन्य दस्तावेज पर, जो उस दस्तावेज के संबंध में उपयोग में लाई गई हो, या वितरित की गई हो, किसी व्यक्ति का नाम हो, वहां जब तक तत्प्रतिकूल साबित न कर दिया जाए, यह उपधारणा की जा सकेगी कि उसी व्यक्ति ने वह दस्तावेज़ रचवाई है |



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