क्या है महिला अधिकार?

 क्या है महिला अधिकार?

देशभर में नारी उत्थान ( महिला अधिकार) की बात बड़े ही जोर_ शोर से उठाई जा रही है | लेकिन देश की अधिकांश महिलाओं को सही मायनों में उनके मौलिक अधिकार अथवा संवैधानिक अधिकार की जानकारी ना के बराबर है | आइए जानते हैं कि भारतीय संविधान के अनुसार भारतीय महिलाओं को क्या-क्या हक प्रदान किए गए हैं |

प्रत्येक नागरिक को समानता, इसमें किसी प्रकार का लिंग भेद नहीं है | समानता स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार महिला पुरुष दोनों को समान रूप से दिया गया है | शारीरिक और मानसिक तौर पर नर नारी में किसी प्रकार का भेदभाव असैंवैधानिक माना गया है | हाल की आवश्यकता महसूस होने पर महिलाओं और पुरुषों का वर्गीकरण किया जा सकता है अनुच्छेद -15 में यह प्रावधान किया गया है कि स्वतंत्रता समानता /और न्याय के साथ-साथ महिलाओं/ लड़कीयो की सुरक्षा और संरक्षण का काम भी सरकार का कर्तव्य है | जैसे बिहार में लड़कियों के लिए साइकिल और पोषक की योजना मध्यप्रदेश में लड़कियों के लिए लाडली लक्ष्मी योजना दिल्ली में मेट्रो में महिलाओं के लिए रिजर्व कोच की व्यवस्था आदि |

स्वतंत्रता और समानता का अधिकार_ अनुच्छेद_ 19 में महिलाओं को यह अधिकार दिया गया है कि वह देश के किसी भी हिस्से में नागरिक की हैसियत से स्वतंत्रा के साथ आ _जा  शक्ति है | व्यवसाय का चुनाव भी स्वतंत्र रूप से कर सकती हैं |

नारी की गरिमा का अधिकार_ अनुच्छेद 23 नारी की गरिमा की रक्षा करते हुए उनको शोषण मुक्त जीवन जीने अधिकार देता है | महिलाओं की खरीद बिक्री वेश्यावृत्ति के धंधे में जबरदस्ती लाना 'भीख मांगने पर मजबूर करना आदि दंडनीय अपराध है | ऐसा कराने वालों के लिए भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत सजा का प्रधान है | संसद के अनैतिक व्यवहार निवारण अधिनियम 1956 पारित किया है | भारतीय दंड संहिता की धारा_ 361 363 366 367 370 372 373 के अनुसार ऐसे अपराधी को 7 साल के लिए 10 साल तक की कैद और जुर्माना की सजा भुगतनी पड शक्ति है | अनुच्छेद_ 24 के अनुसार 14 साल से कम उम्र के लड़के या लड़कियों से काम करवाना बाल_ अपराध है |

घरेलू हिंसा का कानून_ घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 जिसके तहत में सभी महिलाएं जिनके साथ किसी भी तरह घरेलू हिंसा की जाती है उनको प्रताड़ित किया जाता है वह सभी पुलिस थाने जाकर एफ 0आई 0आर0 दर्ज करा सकती हैं तथा पुलिसकर्मी बिना समय गवाएं प्रतिक्रिया करेंगे |

दहेज निवारक कानून_ दहेज लेना ही नहीं देना भी अपराध है | अगर वधू पक्ष के लोग दहेज देने के आरोप में वर पक्ष को कानून सजा दिलवा सकते हैं तो वर पक्ष भी इस कानून के तहत वधू पक्ष को दहेज देने के जुर्म में सजा करवा सकता है सन 1961 से लागू इन कानून के तहत वधू को दहेज के नाम पर प्रताड़ित करना भी संगीन जुर्म है |

नौकरी/ व्यवसाय  करने का अधिकार_ संविधान के अनुच्छेद 16 में स्पष्ट शब्द में कहा गया है कि हर व्यस्क लड़की व हर महिला को कामकाज के बदले वेतन प्राप्त करने का अधिकार पुरुषों के बराबर है | कि केवल महिला होने के नाते रोजगार से वंचित करना किसी नौकरी के लिए अयोग्य घोषित करना लेगिंग भेदभाव  मानना जाएगा |

प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का अधिकार _ अनुच्छेद 21 एवं 22 दैहिक स्वाधीनता का अधिकार प्रदान करता है | अपनी देह व प्राण की सुरक्षा करना हर एक का मौलिक अधिकार है |

राजनीतिक अधिकार _ प्रत्येक महिला व वयस्क लड़की  को चुनाव की प्रक्रिया में स्वतंत्र रूप से भागीदारी करने और स्वयं विवेक के आधार पर वोट देने का अधिकार प्राप्त है | कोई भी संविधान सम्मत  योगिता  रखने पर किसी भी तरह के चुनाव में उम्मीदवारी कर सकता है|

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