कॉपीराइट का विक्रय
कॉपीराइट का विक्रय
जिस प्रकार से ट्रेडमार्क, गुडविन, साख का विग्रह होता है उसी प्रकार कॉपीराइट का भी क्रय विक्रय अन्य चल वस्तु की भांति किया जाता है। उदाहरण के लिए जिस प्रकार से आप अपना फर्नीचर किराए पर दे सकते हैं या कुछ दिनों के लिए किराए पर दे सकते हैं या पूर्ण रूप से भेज भी सकते हैं। इसी प्रकार रचना का लेखक कॉपीराइट अधिकार भी सकता है या आंशिक रूप से बेच सकता है या कुछ प्रतियों का प्रकाशन अधिकार दे सकता है। रचना प्रकाशन के क्षेत्र में रॉयल्टी या निर्धारित दर से भी रचनाएं क्रय विक्रय की जाती है। कॉपीराइट कानून ट्रेडमार्क ऊपर भी लागू होता है। कोई भी कंपनी या व्यक्ति अपना ट्रेडमार्क ए ट्रेडमार्क एक्ट 1999 के अंतर्गत रजिस्टर करवा सकता है। ट्रेडमार्क की कॉपी करना भी इस कानून के अंतर्गत अपराध का गठन करता है।
कॉपीराइट कानून के अंतर्गत अपराध का गठन
इस कानून में लेखक की अनुमति के बिना रचना की कॉपी करना अपराध माना गया है और निम्नलिखित परिस्थितियों में अपराध का गठन होता है।
• रचना की नकल की गई हो और ढेर सारी प्रतियां बेची गई हो या बाटी गई हो।
• रचना को तोड़ मरोड़ कर कॉपी किया गया हो।
• रचना की कॉपी लेखक, प्रकाशक, कॉपीराइटर की अनुमति के बिना की जाए।
• लेखक की पांडुलिपि की चोरी की जा।
• धारा 52 के प्रावधानों को छोड़कर रचना की कॉपी की जा।
दंड
इस कानून के अंतर्गत अपराध साबित हो जाने पर 3 वर्ष का कारावास और जुर्माना से दंडित किया जाता है। अपराध की पुनरावृति करने पर कठोर दंड से दंडित किया जाने का प्रावधान है।
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